देहरादून: पुराना साल आज बीत जाएगा और नए साल का कल से आगाज हो रहा। आमजन के लिए नया साल कुछ बदलाव के संग महंगाई भी साथ ला रहा है। रसोई गैस के दाम भी बढ़ सकते हैं और सरकारी अस्पताल में इलाज भी महंगा हो जाएगा। कपड़े व जूते खरीदने से लेकर एटीएम से कैश निकासी भी महंगी हो जाएगी। यही नहीं, ओला व उबर जैसी कार बुकिंग सेवा और छोटे ढाबों से स्विगी या जोमेटो जैसी सेवा से खाना मंगाना तक महंगा होने जा रहा। रसोई गैस की कीमत में बदलाव आज होगा, लेकिन बाकी जरूरी बदलाव आप भी जान लें।
नए साल में बड़ी चोट सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वालों पर पड़ रही। मरीजों के पंजीकरण से लेकर भर्ती शुल्क व अन्य प्रकार की जांच के लिए दस फीसद अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा। सरकारी अस्पताल में वर्तमान में ओपीडी पर्चा 28 रुपये में बनता है, लेकिन नए साल के पहले ही दिन यानी शनिवार से पर्चा 31 रुपये में बनेगा। इतनी राहत जरूर रहेगी कि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय एवं अन्य सरकारी मेडिकल कालेजों में इलाज महंगा नहीं होगा, लेकिन राजकीय कोरोनेशन चिकित्सालय एवं गांधी शताब्दी अस्पताल समेत अन्य सीएचसी व पीएचसी में इलाज जरूर महंगा हो जाएगा। सरकार के शासनादेश के तहत एक जनवरी से सरकारी अस्पताल में पंजीकरण व अन्य जांच का शुल्क दस फीसद बढ़ाए जाने का प्रविधान है। इसी क्रम में हर साल सरकारी अस्पताल का इलाज महंगा हो रहा है। यह नियम मेडिकल कालेज बनने के उपरांत दून अस्पताल पर लागू नहीं होता।
नए साल में मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा के खत्म होने के बाद एटीएम से कैश निकासी महंगी हो जाएगी। इसके लिए अधिक चार्ज चुकाना पड़ेगा। अभी मुफ्त ट्रांजेक्शन सीमा खत्म होने के बाद एटीएम से कैश निकासी पर ग्राहकों को प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगता है, लेकिन नए साल में यह शुल्क बढ़कर 21 रुपये हो जाएगा। अभी एटीएम में एक माह में चार ट्रांजेक्शन की मुफ्त सीमा है।
रेडीमेड गारमेंट और जूते-चप्पल खरीदने पर जीएसटी की दरों में नए साल में वृद्धि हो जाएगा। इससे जूते और कपड़े खरीदने के लिए ग्राहकों को अब ज्यादा रकम खर्च करनी होगी। अब तक 1000 रुपये से कम कीमत के जूते और कपड़ों पर सरकार की ओर से पांच फीसद दर से जीएसटी वसूल किया जा रहा था, लेकिन अब सरकार की ओर से इसे 12 फीसदी कर दिया गया है। आमजन के साथ इसका असर व्यापारियों पर भी पड़ेगा। व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं और शुक्रवार को दून के थोक बाजार में महाबंद आह्वान किया गया है।
नए साल से ओला व उबर जैसी मोबाइल एप से टैक्सी व आटो बुक करना भी महंगा हो जाएगा। सरकार ने इनकी बुकिंग में पांच फीसद जीएसटी लगा दिया है। बताया गया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में पिछले दिनों टैक्स को लेकर कईं बड़े फैसले किए गए थे। इसमें आनलाइन वाहन बुकिंग एवं आनलाइन खाना आर्डर करने पर कंपनी या रेस्तरां संचालक के बजाए उस कंपनी से ही टैक्स वसूला जाएगा, जो यह सेवा उपलब्ध करा रही। यानी, ओला, उबर, स्विगी और जोमैटो आदि। इन सभी पर पांच फीसद का जीएसटी लगाया गया है, जो यह ग्राहक से वसूल करेंगी।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) में नए साल से पैसा जमा करने व निकासी पर चार्ज लगेगा। बचत और चालू खाते के लिए मासिक कैश निकासी 25 हजार रुपये तक मुफ्त है। यह सीमा खत्म होने के बाद 0.50 फीसद यानी न्यूनतम 25 रुपये प्रति निकासी शुल्क लिया जाएगा। इसी तरह से मासिक 10 हजार रुपये कैश जमा करना मुफ्त है, लेकिन इसके बाद 0.50 फीसद शुल्क लिया जाएगा।
कपड़े, जूते, इलाज, सवारी वाहन जैसी सेवा के महंगा होने का व्यापारी विरोध कर रहे हैं, तो आमजन भी नाराज नजर आ रहा है। दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन ने कहा कि पहले ही जीएसटी की दरों ने व्यापारी व आमजन को महंगाई के दलदल में धकेला हुआ है। ऐसे में नए साल से जीएसटी दरों में की जा रही वृद्धि का बोझ सीधे-सीधे व्यापारी एवं आमजन पर ही पड़ेगा। महंगाई से आमजन पहले ही त्रस्त है, ऐसे में केंद्र सरकार और परेशानी पैदा कर रही। वहीं, जूते-चप्पल के व्यापारी अजय नयाल ने कहा कि जीएसटी पांच फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद कर देना सरकार का गलत कदम है। आमजन प्रयास करता है कि एक हजार तक की कीमत का सामान खरीदे जबकि सरकार उसी आमजन पर आर्थिक बोझ डाल रही।