फारबिसगंज (अररिया)
इन्द्रधनुष साहित्य परिषद द्वारा प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की जयन्ती स्थानीय प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पीडब्लूडी के प्रांगण में बाल साहित्यकार हेमन्त यादव ‘शशि’ की अध्यक्षता में मनाई गई। सर्वप्रथम साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमियों द्वारा उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पण किया गया। सभाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि जैनेन्द्र कुमार का जन्म 2 जनवरी 1905 को और मृत्यु 24 दिसम्बर 1988 को हुई। पूर्व प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र प्रसाद मण्डल ने कहा कि हिन्दी कथाकारों में प्रेमचन्द्र के बाद उनका ही नाम लिया जाता है। वे हिन्दी उपन्यास के इतिहास में
मनोविश्लेषात्मक परम्परा के रूप में जाने जाते हैं। शायर हसमत सिद्दीकी ने कहा कि उनकी कृतियों में परख, सुनीता, प्रेम में भगवान , त्यागपत्र, कल्याणी आदि प्रमुख हैं। हिन्दी सेवी अरविन्द ठाकुर ने कहा कि वे पद्म भूषण (1971) और साहित्य अकादमी पुरस्कार (1974) सहित कई अन्य पुरस्कार से सम्मानित थे। संस्था के सचिव विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि अपनी शादी के समय जैनेन्द्र कुमार ने भारत का मानचित्र आंगन में बनाकर सात फेरे लिए थे। इस तरह उन्होंने देशभक्ति की अनोखी मिसाल पेश की थी।
इसी अवसर पर स्थानीय युवाकवि एवं शायर मो० राहिल अशरफ को पं. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ स्मृति सम्मान से नवाजा गया। मौके पर श्यामानन्द यादव, सुनील दास, पलकधारी मंडल, ब्रहमदेव पासवान, मनोज तिवारी, मो. नवेद रजा, मो. सरफराज, रामप्रसाद सिंह सहित अनेक स्कुली बच्चे उपस्थित थे।