पिछले दो वर्ष में कुपोषण दर में आई 2.26 प्रतिशत की कमी, जिले के 2,255 आगनबाड़ी केन्द्रो के माध्यम से हितग्राही हो रहे लाभान्वित

 जांजगीर-चांपा, 08 जनवरी, 2022/ महिलाओं और बच्चों के विकास और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण स्तर में सुधार और  बेहतरी का प्रयास किया जा रहा है। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने व सुपोषण के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन योजना, महतारी जतन योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना संचालित है। इन योजनाओं के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के फलस्वरूप विगत दो वर्षा में कुपोषण में 2.26 प्रतिशत की कमी आई है।
     सुपोषण योजनाओं का क्रियान्वयन जिले के 2,255 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के मैदानी अमलों का योगदान महत्पूर्ण है। पूरक पोषण आहार अंतर्गत जिले में 1,42,593 बच्चों, 13,988 शिशुवती माताओं तथा 16718 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया गया है ।  
जिले में 11 पोषण पुनर्वास केन्द्र से इस वर्ष 658 बच्चे हुए सुपोषित –
     जिले के विभिन्न विकासखंडों में कुल 11 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। जिसके माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में गंभीर कुपोषित कुल 658 बच्चों का समुचित उपचार कर लाभान्वित किया गया। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में 2,104 बच्चां का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। जिनमें से जरूरत मंद 1421 बच्चों को जरूरी दवा दी गई।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना  योजना –
     प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आरंभ से आज तक कुल 34,494 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया। इनमें से 34,311 हितग्राहियों को प्रथम किश्त 27,138 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त तथा 19,043 हितग्राहियों तृतीय किश्त से लाभान्वित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना –
     मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 14,204 कुपोषित बच्चों, 17,265 शिशुवती माताओं व 617 ऐनीमिक महिलाओं को लाभांवित किया गया। जिनमें से 3,064 बच्चे कुपोषण तथा 110 महिलाऐं ऐनीमिया से मुक्त हुये। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11,420 कुपोषित बच्चो, 16,762 गर्भवती महिलाओं तथा 4,657 ऐनीमिक महिलाओं को लाभांवित किया जा रहा है। अब तक 2,689 बच्चे कुपोषण से तथा 1,704 महिलाऐं ऐनीमिया से मुक्त हो चुके हैं।
कुपोषण में 2.26 प्रतिशत की आई कमी –
     वजन त्यौहार 2019 के अनुसार जिले में 19,095 बच्चे मध्यम कुपोषित व 5,301 बच्चे गंभीर कुपोषित थे। उस समय कुपोषण का प्रतिशत 17.08 था। नवंबर 2021 के आंकड़ों के अनुसार 10,508 बच्चे मध्यम कुपोषित व 2094 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं। जिनका योजनानुसार समुचित उपचार की जा रही है। योजना सुव्यवस्थित किन्यावयन के फलस्वरूप कुपोषण में 2.26 प्रतिशत की कमी आयी है। कुपोषण का प्रतिशत 14.82 है।

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