कुवि के विकास में पूर्व छात्र निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिकाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

कुवि के विकास में पूर्व छात्र निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिकाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
1975 से 1977 बैच के पूर्व छात्रों ने कुलपति से की मुलाकात।
कुलपति ने किया पूर्व छात्रों को सम्मानित।
कुरुक्षेत्र, 11 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विकास में पूर्व छात्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 1956 में कुवि की स्थापना एक संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में हुई थी। समय के साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने बहु-विषयक संस्थान के रूप में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। हरियाणा की पहली ए-प्लस-प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी बनकर व एनईपी-2020 को सर्वप्रथम सबसे पहले पूरे भारत में लागू कर कुवि ने हरियाणा राज्य में ही नहीं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाई है। वे शुक्रवार को कमेटी रूम में जूलोजी विभाग के 1975 से 1977 बैच के पूर्व छात्रों डॉ. अनिता शर्मा, रागिनी वाडिया, भूषण भाटिया, रमेश मदान, मुलखराज कामरा, शैलेन्द्र वर्मा, सुरेन्द्र भाटिया व रवि शंकर से बातचीत करते हुए बोल रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे पुरातन छात्र कुवि के ध्वजवाहक है। हमें अपने पुरातन छात्रों पर गर्व है। किसी भी संस्थान के विकास और गुणवत्ता प्रचार में पुरातन छात्रों का अहम योगदान होता है। कुवि ने खेलों, शोध व संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। कुवि ने शोध के क्षेत्र में 63 पेंटेट दर्ज कर नए आयाम स्थापित किए हैं। एनईपी-2020 के तहत 70 से अधिक रोजगारपरक कोर्स कुवि ने लागू किए है। उन्होंने पूर्व छात्रों से विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप, कृषि क्षेत्र, उद्योग व अन्य क्षेत्रों में सहयोग का आह्वान किया।
कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कहा कि पुरातन छात्रों को एक मंच देना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। पुरातन छात्रों के सहयोग से हम विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास में निरंतर योगदान कर सकते हैं।
जूलोजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. अनिता भटनागर ने कहा कि हमारे एल्यूमनी विश्वविद्यालय की ताकत है।
पूर्व छात्रों ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आभार प्रकट किया और कहा कि वह विश्वविद्यालय हित में अपना सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर हैं। पूर्व छात्रों ने जूलोजी विभाग का भी दौरा किया व विभाग के विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव सांझा किए और उनको भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी एलुमनी एसोसिएशन (कुका) ने इस कार्यक्रम को संयोजित किया।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. जितेन्द्र भारद्वाज मौजूद थे।