बिहार: आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाया गया अन्नप्राशन दिवस

आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाया गया अन्नप्राशन दिवस

  • छः माह के बच्चों को खीर खिलाकर की उसके सही पोषण की शुरुआत
  • महिलाओं को मिली अनुपूरक आहार की जानकारी
  • डीपीओ द्वारा सभी लोगों को समय पर बूस्टर डोज लगाने की अपील

कटिहार, 19 मई। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविकाओं द्वारा छः माह के बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इस दौरान बच्चे के परिजनों को बच्चों के सही पोषण की जानकारी भी दी गई। उन्हें बताया गया कि सही पोषण के सेवन से ही शिशु शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य हो सकता है। इसलिए छः माह बाद शिशुओं को स्तनपान कराने के साथ साथ अतिरिक्त आहार भी दिया जाना चाहिए। इसके अलावा लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और समय पर दोनों डोज कोविड-19 टीकाकरण लगाने के नौ माह बाद प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए भी उत्साहित किया गया।

छः माह के बाद शिशुओं को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार भी जरूरी :
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुगंधा शर्मा ने बताया कि 6 माह बाद स्तनपान के साथ शिशुओं को अनुपूरक आहार भी दिया जाना जरूरी है। अन्नप्राशन दिवस के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा लोगों को इसकी जानकारी दी जाती है। सेविकाओं द्वारा लोगों को बताया जाता है कि स्तनपान के अतिरिक्त दिन में 5 से 6 बार शिशु को सुपाच्य खाना देना चाहिए। शिशु को माल्टिंग आहार (अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दिया जाना चाहिए क्योंकि माल्टिंग से तैयार आहार से शिशुओं को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। न खाने की स्थिति में भी थोड़ी-थोड़ी ऊपरी आहार शिशु को दिन में कई बार देते रहना चाहिए जिससे कि उसे खाने की आदत लग सके। लोगों को इस तरह की जानकारी होने से ही शिशुओं का सही विकास हो सकता है। इसके लिए ही हर माह आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है जिसमें लोगों को पोषण की जानकारी दी जाती है।

महिलाओं को मिली शिशुओं के अनुपूरक आहार की जानकारी :
अन्नप्राशन के दौरान घर में उपस्थित महिलाओं को भी शिशुओं के लिए 6 माह के बाद के ऊपरी आहार की जरूरत के विषय में भी जानकारी दी गयी। डीपीओ ने बताया कि लोगों को 6 से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की जानकारी दी गई। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करने की सलाह दी गयी। जिससे कि शिशुओं में कुपोषण की सम्भावना न हो और वह स्वस्थ्य रह सके।

डीपीओ द्वारा सभी लोगों को समय पर बूस्टर डोज लेने की अपील :
आईसीडीएस डीपीओ सुगंधा शर्मा ने सभी लोगों को समय पर बूस्टर डोज लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसलिए सभी लोगों के लिए यह लगाना आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने सभी सेविकाओं को अपने स्थानीय लोगों को जागरूक करने और बूस्टर डोज लगवाने के लिए निर्देशित किया है।

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