वर्तमान में कर्त्तव्य, धर्म, अध्यात्म एवं सिद्धांतों की शिक्षा की जरूरत : भाई जगराम

वर्तमान में कर्त्तव्य, धर्म, अध्यात्म एवं सिद्धांतों की शिक्षा की जरूरत : भाई जगराम।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली को विकसित करनाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
आत्मनिर्भरता, नवाचार व उद्यमिता द्वारा ही भारत बनेगा विश्व गुरु : प्रो. आरके मित्तल।
एनईपी के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं का समाधान ज्ञानोत्सव में निहित : प्रो. रमेश भारद्वाज।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा प्रान्त एवं एसडी कॉलेज, अम्बाला के संयुक्त तत्वावधान में ज्ञानोत्सव 2080 का हुआ शुभारंभ।

कुरुक्षेत्र, 29 अप्रैल : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा प्रान्त एवं एसडी कॉलेज, अम्बाला के संयुक्त तत्वावधान में एसडी कॉलेज अम्बाला के सभागार में शनिवार को ‘राष्ट्रीय शिक्षा के संदर्भ में शिक्षा में आत्मनिर्भरता’ विषय पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत् दो दिवसीय ज्ञानोत्सव 2080 का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र के संयोजक भाई जगराम ने कहा कि ज्ञान उत्सव शब्द गहरा शब्द है जिसके अर्थ को शिक्षक, संस्थान तथा विद्यार्थियों को समझना होगा। उन्होंने कहा कि केवल शिक्षा के माध्यम से ही समाज का भला हो सकता है इसलिए वर्तमान में कर्त्तव्य, धर्म, अध्यात्म एवं सिद्धांतों की शिक्षा की भी जरूरत है। जीवन में हमें बनना क्या है यहां से शिक्षा की शुरूआत होती है। उन्होंने कहा कि 14 साल का खुदीराम बोस, 21 साल का भगत सिंह देश की अखंड़ता, सुरक्षा एवं राष्ट्रहित के लिए शहीद होता है। जिस देश की धाक पूरे विश्व में गूंजती थी वहीं आज हमारे समाज का तानाबना टूट रहा है। इसलिए हमें अपने गुरुओं से चरित्र निर्माण मूल्यपरक शिक्षा लेनी होगी ताकि समस्या रूपी वैतरणी नदी को हम पार कर सकें और समाज अपने पैरों पर खड़ा होकर स्वावलम्बी बने। उन्होंने कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्यौछावार करना, वसुधैव कुटुम्भकम तथा देश की अखड़ता, सुरक्षा एवं एकता संबंधी सभी समस्याओं का हल ज्ञानोत्सव में समाहित हैं।
इससे पहले मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, उत्तर क्षेत्र के संयोजक भाई जगराम, भिवानी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश भारद्वाज, हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वीपी यादव, एनसीईआरटी के उप-निदेशक सुनील बजाज, डॉ. राधे श्याम शर्मा, डॉ. विवेक कोहली, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले सभी अतिथियों ने हरियाणा प्रांत के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कार्यक्रम के मुख्यतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारत में शिक्षा और संस्कृति के उत्थान के लिए हरियाणा प्रांत का उत्थान न्यास सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य एक ऐसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली को विकसित करना है जो देश के अंदर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास तथा रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि एनईपी में सीबीसीएस के तहत् विद्यार्थियों को ग्रेड मिलेगा पर्सनेंटेज नही मिलेगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एनईपी को कुवि कैम्पस में लागू करने वाला अग्रणी विश्वविद्यालय है तथा जल्दी ही इसे सम्बन्धित कॉलेजों में इसे लागू किया जाएगा।
प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कोरोना काल में हमारे पास मास्क नहीं था। देश के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर हमने पीपीई किट, मास्क, वैक्सीन का निर्माण किया। वर्तमान में भारत में 80 हजार से ज्यादा स्टार्टअप हैं तथा 110 से ज्यादा यूनिकार्न है। यह सब हमारे युवाओं ने आत्मविश्वास के बल पर ही किया है। नवाचार के द्वारा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि लाभ के द्वारा इस क्षेत्र में लगे युवा शहरों की तरफ रूझान न करें। हमारे युवा रोजगार देने वाले बने ना की रोजगार मांगने वाले, यही शिक्षा नीति का उद्देश्य है। ज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्रहित की भावना को प्रथम मानते हुए हम वैश्विक शक्ति बनकर उभरेंगे। हैं।
कार्यक्रम के बतौर मुख्य वक्ता सीबीएलयू विश्वविद्यालय भिवानी के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा लोकल फॉर वोकल दिया था। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के माध्यम से नवाचार व उद्यमिता से द्वारा ही पुनः विश्व गुरू की संकल्पना को साकार किया जा सकता है। इसलिए रोजगार देना, सम्पन्नता पैदा करना ही आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य है। उन्होंने आत्मनिर्भरता के पांच स्तम्भ इकोनामी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, जनसंख्या तथा डिमांड तथा सप्लाई के बारे में अहम जानकारी साझा की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के कुलपति प्रो. रमेश भारद्वाज ने कहा कि वे 12 वर्षो से न्यास से जुडे़ हुए हैं जिसका इसका उद्ेश्य शिक्षा बदलें, देश बदलें जिसमें भारतीय भाषाओं को आधार माना गया है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं का समाधान खोजना ही ज्ञानोत्सव में निहित है। उन्होंने कहा कि एनईपी के द्वारा ही भारत के भाग्य को बदला जा सकता है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। उन्होंने 2007 में हुए न्यास के गठन तथा विभिन्न कार्यो व गतिविधियों के बारे में बताते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के 16 विषयों तथा 3 आयामों के बारे में विस्तार से बताया।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत संयोजक प्रो. हितेन्द्र त्यागी ने सभी अतिथियों का परिचय किया तथा बताया कि इस ज्ञानोत्सव में 3000 से अधिक विद्यार्थियों ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में पंजीकरण करवाया तथा भाग लिया। उन्होंने बताया कि हरियाणा के सभी 22 जिलों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। डॉ. राजेन्द्र राणा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर सभी अतिथियों को अंगवस्त्र, श्रीफल एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। शिक्षा संस्कति उत्थान न्यास हरियाणा प्रांत के संरक्षक डॉ. विवेक कोहली ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा प्रांत न्यास के अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. पवन शर्मा, एसडी कॉलेज अम्बाला के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र राणा, डॉ. हितेन्द्र त्यागी, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, पूर्व कुलपति डॉ. राधेश्याम शर्मा, संरक्षक डॉ. विवेक कोहली, डॉ. प्रेम सिंह, डॉ. नीलिन्द्रजीत कौर संधू, डॉ. अजय अरोड़ा, डॉ. अमित शर्मा, डॉ. गजराज सिंह आर्य, डॉ. विकास पोपली, डॉ. बांके बिहारी, डॉ. रूपेश गौड, डॉ. सोनिया, डॉ. नीरज बातिश, डॉ. रेखा, डॉ. जगत नारायण, डॉ. वीरबाला, डॉ. पुनीत बंसल, दीपक वशिष्ठ, नवीन गुलाटी, अनिल शर्मा, अमित भटनागर, विजय जांगडा सहित विभिन्न विषयों के संयोजक व सह संयोजक सहित विद्यार्थी मौजूद रहे।

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