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किसी की कुंडली में राहु, केतु, शनी बैठे हैं, हमारी कुंडली में गांव के प्रधान बैठे हैं
विवेक जायसवाल की रिपोर्ट
अतरौलिया आजमगढ़ क्षेत्र के बाबा मुसई दास स्मारक जूनियर हाई स्कूल भगवानपुर मदियापार आजमगढ़ के प्रांगण में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि डा०श्रीराम यादव रहे।तथा अध्यक्षता डॉ राजाराम सिंह ने किया। संचालन विकास बौपल ने किया। कार्यक्रम के संयोजक कवि डॉ राजेंद्र प्रसाद यादव रहे।सर्वप्रथम कार्यक्रम के अध्यक्ष और मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण कर एवं सरस्वती वन्दना कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम के संयोजक डॉ राजेंद्र प्रसाद यादव ने अपनी रचना प्रस्तुत किया।
(बड़ी समझदार थी जो धारा को ही मोड़ लिया।)
(इरादा पहाड़ से लड़ना नहीं समुंदर से मिलना था।)
कंठ के धनी युवा कवि भागचंद त्रिपाठी ने अपना रचना पेश करते हुए कहा। (खुद का भी है पता नहीं जिसको कुछ भी)
(वो भी हमको ही समझाने आए हैं।)
कानपुर से पधारी कभी चांदनी पांडे ने अपनी रचना पर आप पेश करते हुए कहा।
(जो कभी सच का तरफदार नहीं हो सकता)
(वो कभी साहिबे किरदार नहीं हो सकता)
कवि नागेश शांडिल्य वाराणसी ने प्राइमरी स्कूलों की दुर्दशा को बताते हुए कहा।
(हम अपनी पूरी जिंदगी सुरक्षित गुजार सकते हैं )
(क्योंकि यह नन्हे-मुन्ने बच्चे हमें कभी नहीं मार सकते हैं ।)
अध्यक्षता कर रहे कवि डा० राजाराम सिंह ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए ।
(हम खेतों में बोये जा रहे हैं शहर, और करते हैं अन्न की भारी उपज की उम्मीद) कवि इंदु सुल्तानपुरी ने विदेशी सामानों पर रोक लगाने की नसीहत देते हुए कही।
(चाइना से एनर्जी आ रही है।)
(मियां फिर भी एलर्जी आ रही है।)
युवा कवि अरविंद पथिक ने अपनी रचना पेश करते हुए कहा।
(प्राइवेट कर्म है हर पल शीश झुकाना पड़ता है।)
(एक-एक पैसे के लिए रिरियाना पड़ता है। )
कवि लवलेश यदुवंशी प्रतापगढ़ी ने अपनी रचना पेश करते हुए कहा।
(बड़ी सी बिल्डिंग में नफरती सामान लगता है।)
(मगर मिट्टी का अपना प्यार का माकान लगता है।)
कवि संदीप शरारती रायबरेली ने अपनी रचना पेश कर ग्राम प्रधान पर टिप्पणी करते हुए कहा।
(किसी की कुंडली में राहु केतु चंद्र शनि बैठे।)
(हमारी कुंडली में गांव के प्रधान बैठे हैं।)
कार्यक्रम के संयोजक कवि डॉ राजेंद्र प्रसाद यादव ने आए हुए अतिथियों कवियों कवित्रियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि डॉ राजाराम सिंह ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।
वरिष्ठ पत्रकार विवेक जायसवाल