अजीत के बुरे वक्त में सहारा बना आयुष्मान कार्ड
✍️संवाददाता दिव्या बाजपेई
कन्नौज । आयुष्मान कार्ड एक ऐसा साथी है जो बुरे समय में साथ नहीं छोड़ता बल्कि ऐसे समय में ही काम आता हैं। इसलिए इसको बनवाने में देरी न करें। पैसों की कमी के कारण इलाज न रुके यह आयुष्मान कार्ड से संभव हो गया है । इसका ही एक उदाहरण ब्लाक उमर्दा के ग्राम अगौस के रहने वाले अजीत कुमार का है। परिजनों ने बताया कि मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का खर्च चलाने वाले अजीत का एक दुर्घटना में हाथ टूट गया। हम लोग इलाज के लिए तिर्वा के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां पर करीब 15 से 20 हजार रुपये का खर्च बताया गया। लेकिन इतना पैसा इलाज में खर्च करने में अजीत असमर्थ थे। जब डॉक्टर ने आयुष्मान कार्ड होने की बात पूछी तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य का एक लेटर आया था वो उनके पास रखा है। डॉक्टर ने बताया कि इस लेटर के माध्यम से आयुष्मान कार्ड बनवा लें, तो आप का इलाज फ्री हो जायेगा। अजीत ने अपने समाजसेवी मित्र व पत्रकार मुनव्वर के सहयोग से जनसेवा केंद्र जाकर आयुष्मान कार्ड बनवा लिया। लेकिन तब तक हाथ में काफी ज्यादा सूजन आ गई थी। इससें हाथ की स्थिति बिगड़ गई। परिजन आयुष्मान कार्ड लेकर इलाज के लिए रीजेंसी हास्पिटल कानपुर गए, जहां उनका मुफ्त इलाज हुआ। अजीत ने कहा कि आयुष्मान भारत हम गरीबों के लिए वरदान से कम नहीं है। इस योजना ने अपने व परिवार के स्वास्थ्य की चिंता दूर कर दी। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से किसी भी बीमारी का सही और अच्छे अस्पताल में इलाज हो सकेगा। आयुष्मान योजना के नोडल डॉ.जे.पी.सलोनिया ने कहा कि आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत निःशुल्क इलाज पाने का सबसे आसान तरीका है । कि पात्र व्यक्ति अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें ताकि आवश्यकता पड़ने पर इलाज में देरी न हो। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जनसेवा केन्द्रों व गांव-गांव में शिविर लगाकर बनाये जा रहे हैं। जिनके पास प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री द्वारा पत्र या प्लास्टिक कार्ड आए हैं। वह इसे घर पर ना रखें बल्कि अतिशीघ्र आयुष्मान कार्ड बनवा लें।