सही खबर चलाने पर पत्रकार को दी धमकियां मनबढ़ दवंग चंद्रशेखर यादव पर एक और हुवा मुकदमा दर्ज
पत्रकार ज्ञानेंद्र मिश्रा को धमकाने वाले मनबढ़ दवंग चन्द्रशेखर यादव को पुलिस बनाया निशाना
आजमगढ़ ब्लाक महराजगंज में 10 जून 2023 को सूत्रों द्वारा मिली जानकारी कि जिस कोटेदार के नाम से टीसीडीसी कटी थी खाद्यान्न वहा न उतारकर कालाबाजारी की नीयत से दूसरी जगह उतारा जा रहा था जिसे उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लेने से इस मामले को अखबार में प्रकाशित करने पर उच्च अधिकारियों द्वारा जांच कराया गया और दोषी तीन कोटेदार की दुकानों को सस्पेंड कर दिया गया मामले को लेकर चंद्रशेखर यादव ने यह बताया कि दुर्गा नंद यादव पूर्ति निरीक्षक हमारे रिश्तेदार हैं खबर में उनका नाम कैसे आ गया है कह र उनके नाम से क्यो चलाई जा रही है जिसकी शिकायत पत्रकार ज्ञानेंद्र मिश्रा ने सिधारी थाने में लिखित तहरीर दी और इस मामले को सिधारी पुलिस जसनच कर ही रही थी कि मनबढ़ दवंग चन्द्रशेखर यादव अपने को कोटेदार संघ का महराजगंज ब्लाक अध्यक्ष कहे जाने वाले एवं कोटेदार संघ जिला उपाध्यक्ष बताने वाले चन्द्रशेखर यादव ने कुछ दिन बाद ही ज्ञानशिखा टाइम्स के ब्यूरो चीफ जितेंद्र मौर्य को ब्यूरो कार्यालय रैदोपुर में भी पहुंचकर जान से मारने की घमकी भी दिया जिस मामले को संज्ञान में लेते हुए सदर कोतवाली पुलिस ने तत्काल चंद्रशेखर यादव पर संगीन धाराओ में मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी हुई थी कि सिधारी पुलिस ने भी पत्रकार ज्ञानेंद्र मिश्रा की तहरीर के आधार पर मनबढ़ चंद्रशेखर यादव पर फिर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर ली है जब कि दवंग चन्द्रशेखर यादव कोटेदार भी नही है कोटेदार तो इनके पिता जी है प्रदेश की योगी सरकार मुफ्त में राशन गरीबो तक पहुंचा रही है लेकिन कुछ कोटेदार इन गरीबो के हक पर डाका डालने का काम कर रहे हैं जिसके वजह से बहुत सी सरकारी गल्ले की दुकान सस्पेंड होती हैं अब सवाल खड़ा होता है कि जिस कोटेदार के नाम से टीसीडीसी कटी थी वहां क्यों नही सरकारी खाद्यान उतारा गया यदि कोई समस्या थी तो क्यो नही उच्चाधिकारियों को अवगत कराता गया से 2 किलोमीटर के अंदर लगभग 20 दुकानें तो आखिर सरकारी खाद्यान्न 8 से 10 किलोमीटर दूर क्यों उतारा गया। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार पर 24 घंटे के अंदर जेल भेजा जाएगा वही पत्रकारों को जान से मारने तक की धमकी दी जाती है अब देखना यह है शासन प्रशासन द्वारा इस बात को कितना संज्ञान में लेता है और कितना कार्यवाही होती है।