बरेली: आरजीसीआईआरसी ने भारतीय चिकित्सा परिषद बरेली के साथ कैंसर केयर में की क्रांति, निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का किया आरंभ

आरजीसीआईआरसी ने भारतीय चिकित्सा परिषद बरेली के साथ कैंसर केयर में की क्रांति, निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का किया आरंभ।

  • रोबोट सर्जरी से लेकर अचूक इलाज और आधुनिक रेडिएशन तकनीक।
  • विशेषज्ञ वार्ता में कैंसर के आधुनिक इलाज में तकनीक के चलते कुशल देखभाल, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और कम साइड इफेक्ट वाली इलाज प्रक्रिया के जरिए उन्नति उभर के सामने आई

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली : राजीव गाँधी कैंसर संस्थान एवं शोध केंद्र (आरजीसीआईआरसी) विपरीत प्रभाव (साइड इफ्फेक्ट) को काफी हद तक कम करने वाली अत्याधुनिक तकनीक के साथ कैंसर देखभाल के परिदृश्य को पूरी तरह बदलने की दिशा में अग्रणी स्तर पर कार्य कर रहा है। भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए), बरेली के साथ एक संयुक्त पहल के अंतर्गत आरजीसीआईआरसी ने मेडिकल क्षेत्र के पेशेवरों के लिए निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि रेडिएशन (विकिरण) तकनीकों में हो रहे नवाचार और रोबोट सर्जरी आदि सहित अत्याधुनिक तकनीकें कैंसर के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी हथियार साबित हो रही हैं। ये तकनीकें न सिर्फ उपचार की संभावनाओं में वृद्धि करती हैं, बल्कि विपरीत प्रभाव को भी काफी हद तक कम करती हैं, जिससे इलाज के बाद व्यक्ति अपना जीवन अच्छी तरह जी सकता है।
इस सीएमई कार्यक्रम में बरेली एवं सटे क्षेत्र सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए चिकित्सा क्षेत्र के पेशवरों ने हिस्सा लिया, जिसमें जोर कैंसर देखभाल के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रगति को चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवरों के साथ साझा करने के साथ-साथ विपरीत प्रभावों में आ रही कमी के कारण कैंसर के मरीजों पर पड़ रहे सकारात्मक असर को रेखांकित करने पर था। इसमें इस बात पर विचार-विमर्श किया गया कि तकनीक के इन फायदों के बारे में मरीजों और उनके परिजनों को कैसे जागरूक किया जाये।
आरजीसीआईआरसी में विकिरण कैंसर-विज्ञान के इकाई प्रमुख एवं वरिष्ठ परामर्शदाता (यूनिट हेड एंड सीनियर कंसलटेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) डॉ कुंदन सिंह चुफल ने विकिरण कैंसर-विज्ञान की यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा, “नवीनतम मशीनों की अचूकता और छोटे आकार के कारण खास ट्यूमर और ऊतकों (टिश्यू) पर सही मात्रा में विकिरण की खुराक देना संभव हो पाया है, जिसके कारण दूसरे ऊतकों को नुकसान काफी मात्रा में कम हो गया है। परिणामस्वरूप, इलाज के बाद मरीज अब पहले से काफी बेहतर जीवन का अनुभव करते हैं।”
साथ जी, डॉ सिंह ने ‘साइबरनाइफ’ के नाम से विख्यात अभिनव ‘त्रिविम स्थाननिर्धारण शरीर विकिरण चिकित्सा’ (स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडियो थेरेपी) का भी प्रदर्शन किया, जोकि एक रोबोट की सहायता से की जाने वाले ऐसी विकिरण चिकित्सा है, जिसकी प्रक्रिया अपेक्षाकृत बेहतर होती है और विपरीत प्रभाव भी कम छोड़ती है। उन्होंने जोर देकर कहा, “इस नई तकनीक के उपयोग ने स्थाई विपरीत प्रभावों को सीमित करने के साथ-साथ कैंसर के इलाज के बाद लोगों को सामान्य जीवन व्यतीत करने योग्य बनाया है।”
आरजीसीआईआरसी में सिर एवं गर्दन कैंसर-विज्ञान इकाई के प्रमुख एवं वरिष्ठ परामर्शदाता (यूनिट हेड एंड सीनियर कंसलटेंट, हेड एंड नैक ऑन्कोलॉजी) डॉ मुदित अग्रवाल ने कैंसर के इलाज में रोबोट सर्जरी के बढ़ते इस्तेमाल पर प्रकाश डालते हुए मुख्य व्याख्यान (कीनोट एड्रेस) दिया। उन्होंने लागत को काफी मात्रा में कम करने के साथ-साथ शानदार प्रदर्शन करने वाले भारत में निर्मित रोबोट सहित आरजीसीआईआरसी के पास उपलब्ध तीन रोबोट के बारे में बताया। डॉ अग्रवाल ने जोर देकर कहा, “खासकर भारतीय रोबोट के साथ रोबोट सर्जरी भारत में कैंसर के इलाज में क्रांति लेकर आई है।”
इस अवसर पर आईएमए के डॉ राजीव कुमार गोयल (अध्यक/प्रेजिडेंट), डॉ सुदीप शरण (विज्ञान सभापति/ साइंटिफिक चेयरमैन), डॉ गौरव गर्ग (सचिव/सेक्रेटरी) और डॉ निकुंज गोयल (कोषाध्यक्ष/ ट्रेजरर) सहित अन्य गणमान्य चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवरों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और कैंसर देखभाल के क्षेत्र में नवाचार के प्रति आरजीसीआईआरसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
आरजीसीआईआरसी के बारे में:
आरजीसीआईआरसी विश्व-स्तर की कैंसर देखभाल उपलब्ध कराने के लिए समर्पित पथ-प्रदर्शक संस्थान है। अत्याधुनिक तकनीकों के भरपूर प्रयोग हेतु कटिबद्ध आरजीसीआईआरसी का उद्देश्य देश में कैंसर के उपचार के परिदृश्य को पूर्ण रूप से परिवर्तित कर मरीजों को आशा और बेहतर परिणाम उपलब्ध कराना है।
वर्ष 1996 में स्थापित हुआ राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र कैंसर के इलाज के लिए भारत के अग्रणी अस्पतालों में गिना जाता है। लगभग 2 लाख वर्ग फुट में 500 बिस्तरों की वर्तमान क्षमता के साथ आरजीसीआईआरसी महाद्वीप के सबसे बड़े टर्टियरी कैंसर देखभाल केंद्रों में से एक है। इसमें डे-केयर सर्जरी के लिए 14 अत्याधुनिक सुसज्जित मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और 2 माइनर ऑपरेशन थिएटर के साथ आरजीसीआईआरसी विश्व-स्तरीय कैंसर देखभाल उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। संस्थान में पूरे शरीर की रोबोटिक सर्जरी, इंट्रा-ऑपरेटिव ब्रैकीथेरेपी, ट्रू बीम (अगली पीढ़ी की इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी), पीईटी-एमआरआई फ्यूजन, हाई फ्रीक्वेंसी अल्ट्रासाउंड और टोमोसिंथेसिस (अपनी तरह की पहली क्रांतिकारी 3डी मैमोग्राफी मशीन) सहित अन्य सर्वश्रेष्ठ तकनीक उपलब्ध हैं। अब तक आरजीसीआईआरसी ने 2.75 लाख से अधिक रोगियों के जीवन को प्रभावित किया है। इसे लगातार भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑन्कोलॉजी अस्पतालों में घोषित किया जाता रहा है, और इसे भारत में सर्वश्रेष्ठ ऑन्कोलॉजी अस्पताल के लिए नेशनल बिजनेस लीडरशिप एंड सर्विस एक्सीलेंस पुरस्कार 2017 सहित कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया https://www.rgcirc.org/ पर क्लिक करें।

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