युद्ध से पूर्व प्रभु राम व श्री कृष्ण ने की थी मां शक्ति की आराधना: मनदीप सिंह चटठा

युद्ध से पूर्व प्रभु राम व श्री कृष्ण ने की थी मां शक्ति की आराधना: मनदीप सिंह चटठा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

श्री दक्षिण काली पीठ में विश्व कल्याण के लिए चल रहे शतचंडी महायज्ञ में महामंडलेश्वर स्वामी विद्या गिरि, महंत बंशी पुरी सहित संत समाज ने पूर्णाहुति में लिया भाग।

पिहोवा, 23 अक्तूबर संजीव कुमारी : माड़ल टाऊन स्थित श्री दक्षिणा काली पीठ मंदिर में महंत बंशी पुरी जी महाराज के सान्धिय में नवरात्रों के निमित चल रहे पाठात्मक सहस्त्र चंडी महायज्ञ का पूर्णाहूति, कन्या पूजन, संत-महात्माओं के प्रवचन एवं विशाल भंडारे के साथ समापन हुआ।
जानकारी देते हुए यज्ञाचार्य डा. अभिषेक कुश ने बताया कि भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर पुण्य अर्जित किया गया। महायज्ञ के मुख्य यजमानों नीलिमा चक्रपाणि, सचिन रिष्याण, गीता रिष्याण, हरीश चावला, गौरव, पूजा गोयल, अंकुश सिंगला, मनीष जिंदल सहित अनेक गण्यमान्य जनों व संत-महात्माओं ने पूर्णाहूति में भाग लेकर पुण्य अर्जित किया। कार्यक्रम में शामिल गण्यमान्य जनों को मंदिर प्रबंधन की ओर से सम्मानित किया गया। दूर दराज से आने वाले उच्च कोटि के अनेक संत-महात्माओं ने अपने मुखारविद से श्रद्धालुओं पर प्रवचनों की अमृत वर्षा की। दोपहर के समय कन्या पूजन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। महिला संकीर्तन मंडल द्वारा अपने भजनों के माध्यम से महामाई का गुणगान किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनदीप सिंह चटठा ने अपने संदेश में कहा कि विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के अनुसार त्रेतायुग में हुए राम-रावण युद्ध से पूर्व भगवान श्रीराम और द्वापर युग में हुए महाभारत के युद्ध से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने भी अपने लक्ष्य की पूर्णता के लिए मां शक्ति की आराधना कर उनका आशीर्वाद मांगा था। युद्ध से पूर्व रावण ने भी मां शक्ति की आराधना की थी किन्तु मां भगवती ने उसे ‘विजयश्री’ का नहीं अपितु ‘कल्याणमस्तु’ का आशीर्वाद दिया था क्योंकि सर्वज्ञ ज्ञाता मां जानती थीं कि रावण की कामना व अहंकार के पराभव में ही उसका कल्याण निहित था।
भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंशी पुरी जी महाराज ने कहा कि यज्ञ एक श्रेष्ठ कर्म है इसे समय-समय पर किया जाना अति उत्तम है। यज्ञ द्वारा जहां मनुष्य को शक्ति मिलती है वहीं पर्यावरण की शुद्धि भी होती है। बड़ी अच्छी बात है कि समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए इस शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस प्रकार के यज्ञ के आयोजन से मां दुर्गा अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती है।
स्वामी खटवांग पुरी व स्वामी महेश पुरी ने आए हुए संत-महात्माओं, गण्यमान्य जनों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज, महंत सर्वेश्वरी गिरि, स्वामी रोशन पुरी, महंत तरण दास, महंत लाल गिरि, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, महंत भीम पुरी, संत आत्मविभोर पुरी, संत आराधनानंद, संत साधनानंद, महंत ईश्वर दास, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, महंत चमन पुरी,अधिवक्ता सुनील सिंगला, पूर्व शहरी प्रधान राकेश बधवार, सरपंच विकल चौबे, फकीर चंद डोलिया, विनोद बंसल, अनाज मंड़ी प्रधान नंद लाल सिंगला, पं. राधे-राधे, जिया लाल, कुंदन दुआ, गोल्डी मितल, योगेश गुप्ता, सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कन्या पूजन करते महंत बंसी पुरी व अन्य।

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