क्षय रोगियों को गोद लेने की योजना से मिल रहा लाभ – डॉ अख्तर

ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हुए सजग
समुचित इलाज एवं पौष्टिक आहार द्वारा की जा रही निगरानी
आजमगढ़, 21 जुलाई 2022

जिले में अब तक कुल 1535 क्षय रोग से पीड़ित लोगों को गोद लेकर इलाज किया जा रहा है| इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई, संगठन, राजकीय अधिकारी या कोई व्यक्ति टीबी के मरीज को गोद ले सकता है| यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ परवेज अख्तर का|
डॉ अख्तर ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी यानी क्षय रोग से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है| इसके लिए मरीजों को गोद लेने की पहल की गई है|
ब्लॉक बढ़या रानी की सराय प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ रोहित मिश्रा ने बताया कि टीबी मरीजों की संख्या 157 है, जिसमें सीएचसी द्वारा 2021 से अब तक 31 क्षय रोग से पीड़ित मरीजों को गोद लिया जा चुका है| अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाही की वजह से टीबी के मरीज बीच में ही अपना इलाज छोड़ देते हैं| टीबी का इलाज करीब 6 महीने तक चलता है| इलाज पूरा न होने और दवा सही समय पर न खाने से मरीज के अंदर का टीबी वायरस खत्म नहीं होता, साथ ही मरीज की जान को खतरा भी होता है| और दूसरे भी इनके संपर्क में आकर संक्रमित हो जाते हैं| ऐसे में गोद लेने की पहल भारत को टीबी मुक्त करने में बड़ा योगदान साबित होगी| इससे मरीज का इलाज पूरा हो सकेगा| साथ ही व्यक्ति को खान-पान का विशेष ध्यान व सहयोग देने से उसके अंदर संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है| वहीं निक्षय पोषण योजना के जरिए भी टीबी रोगियों को निक्षय पोषण सहायता राशि भी दिया जाता है|
टीबी रोग के लक्षण एवं उपचार-
क्षय रोग के मुख्य लक्षणों में रोगी को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आना, खंखार में खून आना, शाम के समय बुखार आना, रात में पसीना आना, भूख नहीं लगना एवं वजन कम होने के साथ सीने एवं पैरों में हमेशा दर्द बना रहना है| इस स्थिति में रोगी को नजदीकी जांच केंद्र में जाकर बलगम की जांच कराना चाहिए| सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर टीबी के लक्षण पाए जाने पर नि:शुल्क टीबी का उपचार किया जाता है|
लाभार्थी 14 वर्षीय अजीत पाल ने बताया कि मार्च 2022 में टीबी की जांच हुई थी| घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, दवा सीएचसी से मिल जाती थी| लेकिन खाने में कमी होने के कारण सीएचसी के एक कर्मचारी द्वारा हमें गोद लेने के बाद से,हमारे खाने प्रचुर मात्रा में पोषण मिल रहा है और देखभाल भी की जा रही है| हर महीने गुड ,दलिया, चना व हॉर्लिक्स मिलता है|
ब्लॉक बढ़या रानी की सराय से 45 वर्षीय धर्मराज मौर्य ने बताया मैं मजदूरी कर अपना गुजर बसर करता था| कई दिनों से ख़ासी और बुखार होने पर फरवरी 2022 में बलगम की जांच में टीबी का पता चला| मेरी स्थिति मजदूरी करने की नहीं रहा गई थी| तभी सीएचसी के एक कर्मचारी ने मेरे खाने -पीने की ज़िम्मेदारी ली और घर आकर फल और दूध भी दे जाया करते थे| खानपान की वजह से बीमारी का पता नहीं चला| अब मैं बिलकुल स्वस्थ हूँ| और अपना काम भी कर रहा हूँ|

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