रिपोर्ट पदमाकर पाठक
ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद ने तिलक एवं आजाद की मनाई जयंती।
पंडित लोकमान्य बालगंगाधर तिलक सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे – ब्रजेश नन्दन पाण्डेय
आजमगढ़।ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के तत्वावधान में शनिवार को तिलक एवं आजाद जयंती मनाई गयी।
हर्रा की चुंगी स्थित अमर शहीद पंडित चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लच्छीरामपुर स्थित गाँधी नगर कालोनी के शुक्लासदन हाल में पंडित लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एवं पंडित चन्द्र शेखर आजाद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर दोनों महान विभूतियों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गयी। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ आर बी त्रिपाठी ने कहा कि स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है ओर मैं इसे लेकर रहूँगा, तिलक के इस नारे ने स्वाधीनता की लड़ाई को अन्तिम लक्ष्य तक पहुँचाया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने कहा कि तिलक सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया।तिलक बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे, उन्होंने एक आदर्श शिक्षक, सफल पत्रकार, दूरदर्शी राजनेता तथा महान समाज सुधारक के रूप में इस देश की महान सेवा किया। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपने सम्बोधन के दौरान महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महान क्रांतिकारी अमर शहीद पण्डित चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जनपद के भावरा ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम सीता राम तिवारी एवं माता का नाम जगरानी देवी था। काकोरी ट्रेन लूट काण्ड एवं साण्डर्स की हत्या में प्रमुख भूमिका का निर्वाह के कारण चन्द्रशेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लोक मान्य बाल गंगाधर तिलक के विषय मे जानकारी देते हुए बताया कि महात्मा गाँधी ने तिलक को आधुनिक भारत का निर्माता कहा था। स्वदेशी आंदोलन का सच्चा जन्मदाता कहा जा सकता है। तिलक का जन्म 1856 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जनपदके चिरवली गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गंगाधर राव तथा माता का नाम पार्वती बाई एवं पत्नी का तापी बाई था। तिलक ने इस देश की जनता के मन मे विश्वास पैदा किया कि कर्म का राष्ट्रीय फल स्वराज्य है ।तिलक को स्वदेशी आन्दोलन का जन्मदाता कहा जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रजेश नन्दन पाण्डेय एवं संचालन महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने किया। इस दौरान के दौरान गिरीश चतुर्वेदी, सतीश मिश्र, माधुरी दुबे, गिरिजा सुवन पाण्डेय, राम कवल चतुर्वेदी, राजीव रंजन तिवारी, निशीथ रंजन तिवारी, उपेन्द्र शुक्ला, अनिल कुमार पाण्डेय, पदमाकर पाठक, गोविन्द दुबे, हरिराम उपाध्याय, कृष्ण कुमारकुमार पाण्डेय, अवधेश उपाध्याय, निरुपमा पाठक, गंगा शंकर मिश्र, श्रीश कुमार पाण्डेय, गणेश पाण्डेय, रामाश्रय उपाध्याय, विजय प्रकाश मिश्र, आनन्द तिवारी, सुभाष पाण्डेय, अरविंद पाण्डेय, अनिल तिवारी, विशाल मिश्रा आदि उपास्थि थे।