ब्राह्मणों को गर्दन बचाने के लिए फरसा उठाना पड़ेगा : जयहिन्द

ब्राह्मणों को गर्दन बचाने के लिए फरसा उठाना पड़ेगा : जयहिन्द।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

ब्राह्मण संसद में दहाड़े जयहिंद, समाज के ठेकेदारों को सुनाई खरी-खोटी।
ब्राह्मण समाज बोदा नहीं नेता बोदे हैं, जो आवाज नहीं उठा रहे, लेकिन वे चुप नहीं रहेंगे : जयहिंद।
ऑडिटोरियम से निकलकर सड़क पर लड़नी होगी लड़ाई, तभी सरकार मानेगी।
ऐसे ही गाली सुनते रहे तो कश्मीर की तरह केरल तक भागते रहेंगे और समूंद्र में डूबना पड़ेगा : नवीन।

पंचकूला : पंचकूला में आयोजित ब्राह्मण संसद में नवीन जयहिंद ने कहा कि केवल बोलना नहीं काम भी करना चाहिए। आधे तो कांग्रेसी हो गए और आधे बीजेपी के जब समाज की बात आती है तो इनमें से कोई भी नहीं बोलता। कटाक्ष करते हुए कहा कि म्हारे बड़े-बड़े नेताओं के कुर्ते खींच लिए और धक्के मारकर स्टेजों से नीचे उतार दिया, लेकिन कोई नहीं बोला। यहां तक कि हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया 14 साल तक कोई नहीं बोला। समाज के ठेकेदार जाकर अपने बच्चों की नौकरी मांगते रहे।
नवीन जयहिंद ने कहा कि जब उसने खुद फर्सा उठाया तो लोगों ने कहा कि यह सभ्य समाज के काम नहीं है। क्या भगवान परशुराम सभ्य नहीं थे। जब फर्से से गर्दन उतारने की बात कही जाती है तो कोई नहीं बोलता क्योंकि वह उनकी पार्टी का है। जिसके लिए समाज पहले है वह बड़ी मुश्किल है। समाज बोदा नहीं है, नेता बोदे हैं इस समाज के।
ब्राह्मणों को गाली देने वालों पर कोई नहीं बोलता।
जयहिंद ने कहा कि लोग ब्राह्मणों को गाली देते हैं तो बोलने वाला कौन होगा। एक बागड़ बिल्ला ब्राह्मणों का डीएनए बता रहा था, केस मेरे (नवीन जयहिंद) ऊपर लगे हुए हैं, तो बोलूंगा। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण संसद करने वाले साथी बधाई के पात्र हैं। लेकिन जब तक सड़क पर नहीं उतरेंगे तो सरकार नहीं मानती। लठ लेकर सड़क पर उतरना पड़ेगा। जेएनयू में ब्राह्मणों के खिलाफ नारे लगे, तब भी हमने ही आवाज उठाई। ब्राह्मणों की जमीन पर कब्जा किया हुआ था। उस मामले में भी सरकार ने तीन केस किए हुए हैं।
समाज की लड़ाई लड़ने वालों के साथ
उन्होंने कहा कि वे किसी भी पार्टी में नहीं है। जो भी समाज के लिए लड़ाई लड़ेगा, उसके साथ खड़े हैं। लेकिन बोलना पड़ेगा, कोई भी नहीं बोलता। कैथल में दो बागड़ बिल्ली सरकार की सय पर ब्राह्मणों के विरोध में बोले। उन पर एफआइआर होनी चाहिए। जब तक गाली सुने जाएंगे तो जैसे कश्मीर से भागए हैं, वैसे ही केरल तक भागते रहना। आखिर में समूंद्र आएगा, जहां डूबना होगा। मान, सम्मान व स्वाभिमान से बड़ी कोई चीज नहीं हैं। जयहिंद ने कहा कि कई एमपी व एमएलए बना रखे हैं और पढ़ा लिखे व कड़े लिखे हुए हैं। समाज के लिए कुछ भी करने वाले वे बधाई का पात्र हैं, लेकिन कुछ नेता हैं, जो समाज के नाम पर कुछ भी नहीं करते और ठेकेदार बने रहते हैं।

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