खाद की किल्लत के लिए केन्द्र सरकार है जिम्मेदार
पूर्णिया
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर आलोक कुमार ने बयान जारी कर कहा कि वर्तमान वर्ष में खाद की किल्लत के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। प्रोफेसर आलोक ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा आर०एस० एस० के एजेंडे में गांव किसान एवं खेती नहीं है। संघ परिवार के लोग भारत के फसल एवं नस्ल को ही समाप्त करने पर लगे हुए हैं। केंद्र सरकार खाद निर्माण करने वाली कंपनियों को मांग से कम उत्पादन करने का निर्देश कर किसानों को बर्बाद करने का प्लान कर बैठी हुई है। बिहार के किसानों को बदहाली के कगार पर लाने के लिए जानबूझकर आवंटन में कमी की गई। कोसी -सीमांचल क्षेत्र जैसे पिछड़े इलाके के किसान का मुख्य फसल मक्का एवं गेहूं है। समय पर डी०ए०पी० एवं यूरिया की कमी से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है।
किसान गुस्से का इजहार करने के लिए प्रतिदिन सड़कों पर उतर रहे हैं। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि एक बूढ़ा खाद के लिए किसान दिनभर खाद दुकानदारों के दुकान पर लाइन में रह रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार में सत्ता पक्ष के प्रमुख दल एक दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में किसानों के धान अधिप्राप्ति एवं खाद की कमी को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं। प्रोफेसर आलोक ने सत्ता पक्ष एवं विपक्ष पर भी आरोप लगाया है कि किसानों के मुद्दे पर सभी आंख बंद किए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गरीबों को 5kg मुफ्त राशन लेकर किसानों को भी मुफ्त खोरी का आदत लगाना चाह रहे हैं। मोदी जी 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कर गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं। भारत में भुखमरी का सूचकांक 116 देशों में न्यूनतम 101 वें स्थान पर चला गया है। प्रोफेसर आलोक ने बिहार के मुख्यमंत्री माननीय नीतीश कुमार से बिहार में यूरिया एवं डीएपी का आवंटन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की मांग किया है।