बिहार: लोक आस्था का महापर्व छठ शुर

लोक आस्था का महापर्व छठ शुर

अररिया
लोक आस्था का महा पर्व छठ की शुरुआत शुक्रवार को नहायखाय कद्दू भात के साथ शनिवार खरना व पहला अर्ध रविवार के साथ सोमवार सुबह निस्तार किया जाएगा। जानकारी अनुसार हिन्दुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण पावन पर्व छठ बडी ही साफ सुथरा व नियमानुसार किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्मों मे छठ पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है की महाभारत काल मे सूर्य पुत्र कर्ण भगवान सूर्यदेव का परमभक्त थे। तथा उन्होंने रोज जल में खड़ा होकर भगवान भास्कर को अर्ध अर्पित करते थे। उसी समय से यह पर्व साल मे दो बार एक चैत महीने पष्ठी को तथा दुसरा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इसमे कहा जाता है जो भी छठ वर्ती छठी मैया से मन्नत मांगती है , उसे मईया जरुर पूर्ण करती है।
इधर छठ पर्व पर हाट बजारो के अलावे ग्रामीण इलाकों मे भी प्रसाद आदि सामग्री की दुकानें सजाई गई है। लोग अपने अपने छठ घाटो को लेकर अगल बगल के नदी तलाब पोखर आदि की साफ सफाई कर रही है। वही सिमराहा थाना क्षेत्र के रहिकपुर ठीलामोहन पंचायत अन्तर्गत शुभंकरपुर गाँव मे सभी पर्व करनेवाले व्यक्ति गाँव मे ही एक जगह इकट्ठा होकर गड्ढे खोदकर पंम्पसेट से पानी की व्यवस्था कर अर्ध देकर पूजा करते है। खास बात यह देखा जाता है कि सभी छठवर्ती अपने अपने घाट के जगहों पर पुरे रात भर जगकर छठीं मैया का भक्तिगीत भजन के साथ अराधना करते है।

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