![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG-20221106-WA0009-1024x687.jpg)
शिशुओं के स्वास्थ्य के प्रति बने जागरूक: बाल विकास परियोजना अधिकारी
👉 शिशुओं की सुरक्षा व बेहतर स्वास्थ्य के लिए शुद्ध पानी स्वच्छता और उचित पोषण आहार का रखें विशेष ध्यान:डा.सुरेश यादव
कन्नौज, रिपोर्टर प्रशांत त्रिवेदी
नवजात शिशु को उचित देखभाल व उचित पोषण न मिलने की कमी के कारण बच्चें कुपोषित होने के साथ साथ बीमारियों की चपेट में आ सकते है। यानी एक छोटी सी लापरवाही और जागरूकता की कमी नवजात शिशु के लिए धातक हो सकती है। इसलिए नवजात शिशु की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने और उनकी उचित देखभाल के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 7 नवंबर को शिशु सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी डा.विजय लक्ष्मी दुबे बताती है कि जीवन को सही पोषण मिले तो वह अच्छी तरह से पलता ,संभलता और स्वस्थ होता है। गर्भावस्था से लेकर दो साल की अवधि तक के लिए बच्चे और मां दोनों के लिए बेहद अहम वक्त है। इस अवधि तक मां का दूध शिशु के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। मां के दूध में वसा, शुगर, पानी ,प्रोटोन की सही मात्रा होती है। जो बच्चे की अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
उन्होंने बताया कि बच्चे के बीमार होने पर मां का दूध बच्चे को रोग से लड़ने की शक्ति देता है। इससे इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जो बड़े होने तक उसका साथ निभाती है।इसलिए गर्भधारण करने से पहले अपने स्वास्थ्य को सुदृढ़ रखना चाहिए। यदि शरीर में खून की कमी होती है तो फोलिक एसिड की गोली का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही संतुलित आहार के साथ गर्भावस्था के समय सभी जांचें, टिटनेस का टीका व संस्थागत प्रसव बहुत जरूरी है।
सीडीपीओ ने बताया कि प्रसव के बाद नवजात शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान 6 माह तक केवल स्तनपान बच्चे महा के बाद स्तनपान के साथ पौष्टिक भोजन उपहार के रूप में देना चाहिए
जिला महिला अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ ड़ॉ.सुरेश यादव का बताते है कि शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है। यह शिशु का मौलिक अधिकार भी है। मां का दूध शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। यह शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है।
उन्होंने बताया कि शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शुद्ध पानी,साप-सफाई व उचित पोषण आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए।