बच्चों को सनातन धर्म एवं संस्कृति की शिक्षा अवश्य देनी चाहिए : महंत राजेंद्र पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी चला रहे है सनातन धर्म प्रचार अभियान।
कुरुक्षेत्र, 19 अक्तूबर : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी निरंतर देश तथा विदेश में सनातन धर्म प्रचार का अभियान चला रहे हैं। भारतीय परम्पराओं एवं संस्कारों के अनुसार त्यौहारों के चलते उन्होंने कहा कि हमें बच्चों के लिए समय निकालकर उन्हें सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति की शिक्षा अवश्य देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर में श्रीमद्भागवत गीता व रामचरित मानस जैसी पुस्तकें जरुर होनी चाहिए।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि आधुनिक मशीनी युग में बच्चों को मंदिर में प्रभु दर्शन एवं धार्मिक पूजा संस्कार का ज्ञान होना जरूरी है। हमें समय रहते बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ संस्कृति एवं संस्कारों का ज्ञान भी सिखाना होगा, तभी सुसंस्कारित, नैतिक, ईमानदार समाज की परिकल्पना साकार होगी। बच्चे बुजुर्गों का आदर करना भी सीखेंगे।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि बच्चे यदि संस्कारी हों तो माता-पिता की प्रतिष्ठा बनते हैं और यदि कुसंस्कार मिल गए तो कुल का नाश करते हैं। हमारे समाज का एक संस्कारी व्यक्ति अकेले ही समाज के असंख्य पापों का प्रायश्चित कर देता है तथा इतिहास की अनेक भूलों को सुधार देता है। भारत का धर्म यदि लम्बी पराधीनता के बाद भी समाप्त नहीं हुआ तो इसका प्रमुख कारण यही था कि भारतीय अभिभावकों ने अपने बच्चों में धार्मिक संस्कार डाले। यदि हमारा वर्तमान अव्यवस्थित और भविष्य अंधकारमय दिख रहा है, तो इसका कारण भी यही है कि वर्तमान के अविभावक अपने बच्चों को धार्मिक संस्कार नहीं दे रहे। अपने बच्चों के प्रति माता-पिता का सबसे बड़ा दायित्व यही है कि वे उसको धर्मज्ञान दें, संस्कार दें।
जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी।