बिहार:कालाजार मरीजों के घर-घर खोज अभियान के प्रति आम लोगों को किया जा रहा जागरूक

कालाजार मरीजों के घर-घर खोज अभियान के प्रति आम लोगों को किया जा रहा जागरूक

-सिविल सर्जन ने जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखा क्षेत्रभ्रमण को किया रवाना
-सात दिवसीय अभियान में चिह्नित इलाकों में घर-घर जाकर आशा कर्मी करेंगी मरीजों की खोज

अररिया

जिले में कालाजार मरीजों की पहचान के लिये घर-घर खोज अभियान का संचालन किया जा रहा है। सात दिवसीय यह अभियान 27 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच संचालित किया जाना है। इस बीच होने वाले विशेष टीकाकरण अभियान सहित स्वास्थ्य संबंधी अन्य गतिविधियों के दिन अभियान स्थगित रहेगा। कालाजार प्रभावित जिले के चिह्नित इलाकों में संचालित इस अभियान के क्रम में आशा कार्यकर्ता कालाजार के संभावित मरीजों की खोज करेंगी। उन्हें जरूरी जांच व इलाज के लिये प्रेरित करेंगी। अभियान की सफलता को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य निकाले गये जागरूकता वाहन को बुधवार को सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर क्षेत्र भ्रमण के लिये रवाना किया।

बेहद आसान हो चुका है कालाजार मरीजों का इलाज :

सिविल सर्जन ने बताया कि अभियान के क्रम में आशा कार्यकर्ता पूर्व में जहां कालाजार के मरीज मिले हैं उस घर के आसपास करीब 250 घरों का सर्वे करेंगी। इस दौरान कालाजार के संभावित मरीज मिलने पर उन्हें नजदीकी चिकित्सा संस्थान में जांच व जरूरी इलाज के लिये प्रेरित किया जायेगा। जिले के सभी पीएचसी में कालाजार मरीजों की जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में कालाजार मरीजों का इलाज बेहद आसान हो चुका है। आरके-39 किट के जरिये जांच में कालाजार के मामलों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। कालाजार के वीएल पेसेंट को एंबीजोन दवा के सिंगल डोज से ही ठीक किया जा सकता है। वहीं पीकेडीएल मरीज मिल्टोफोसिन टेबलेट के निर्धारित डोज के सेवन से ठीक हो सकते हैं।

मरीजों को केंद्र व राज्य सरकार से मिलती है मदद :

कालाजार मरीजों को केंद्र व राज्य सरकार के स्तर से जरूरी आर्थिक मदद उपलब्ध कराने का प्रावधान है। जानकारी देते हुए वीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि वीएल मरीजों को राज्य सरकार के स्तर से 6600 व केंद्र सरकार के स्तर से 500 रुपये कुल 7100 रुपये आर्थिक मदद के रूप में मुहैया कराये जाते हैं। वहीं पीकेडीएल मरीजों को केंद्र सरकार के माध्यम से 4000 रुपये उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिले में कालाजार के मामले निरंतर कम हो रहे हैं। वर्ष 2019 में जहां जिले में वीएल के 83 व पीकेडीएल के 23 मामले सामने आये थे। वहीं वर्ष 2020 में वीएल के 77 व पीकेडीएल के 21 मामले सामने आये। वर्ष 2021 में वीएल के 21 व पीकेडीएल के महज 05 मामले अब तक सामने आये हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि जल्द ही अररिया कालाजार मुक्त जिलों की सूची में शामिल होगा।

चिह्नित 122 गांवों में होगा सर्वे :

वीडीसीओ ललन कुमार ने बताया कि घर-घर खोज अभियान के लिये कालाजार प्रभावित जिले के 122 गांव चिह्नित किये गये हैं। अभियान के तहत चिह्नित गांव के कुल 50, 300 घरों का सर्वे किया जाना है। इसके लिये कुल 168 आशा कार्यकर्ता व 73 आशा फैसिलिटेटर को लगाया गया है। अभियान में शामिल आशा कार्यकर्ता को 200 रुपये व आशा फैसिलिटेटर को 300 रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान डीआईओ डॉ मो मोईज, सीडीओ डॉ वाईपी सिंह, आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ तारीक जमाल, जिला टीबी व एड्स कोर्डिनेटर दामोदर शर्मा, वीवीडी कंस्लटेंट सुरेंद्र बाबू, प्रभाकर कुमार, विभागीय कर्मी अनिल शर्मा, नवकांत यादव, मो इरफान, आशुतोष कुमार, मो मतलून, मो किष्कु सहित अन्य शामिल थे।

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