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कुवि के भौतिकी विभाग की डॉ. सुमन महेंदिया को मिली पर्यावरण संबंधी बहु-संस्थागत सहयोगी परियोजना की मंजूरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई।
कुरुक्षेत्र, 1 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमन महेंदिया को बड़े पैमाने पर ऊर्जा के लिए उन्नत बहुआयामी कार्बन नैनो सामग्री में कच्चे पॉलिमर कचरे के स्वदेशी टेलरिंग के माध्यम से शुद्धिकरण और मूल्यवर्धन नामक एक बहु-संस्थागत सहयोगी परियोजना को मंजूरी दी गई है जिसका शीर्षक सुपरकैपेसिटर और बैटरी सहित भंडारण अनुप्रयोग है।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने डॉ. महेंदिया को बधाई देते हुए कहा कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए बड़े हर्ष का विषय है। उन्होंने बताया कि डॉ. महेंदिया की पूरी टीम कचरा प्रबंधन की समस्या पर काम कर रही है जो वैश्विक चिंता का विषय है जिसका समाधान वर्तमान में सबसे अधिक वांछनीय है क्योंकि यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक सतत लक्ष्यों के अनुरूप है। इस मौके पर कुवि के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ ने भी डॉ महेंदिया को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी।
प्रो. सोमनाथ ने बताया कि यह प्रोफेसर नंद गोपाल साहू (पीआई), पीआरएसएनएसएनटी केंद्र, रसायन विज्ञान विभाग, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, (उत्तराखंड) और उनके सहयोगियों के नेतृत्व में एक सहयोगी परियोजना है जिसमें डॉ सुमन महेंदिया, प्रोफेसर अनुराग श्रीवास्तव, एबीवी-आईआईआईटीएम, ग्वालियर; और डॉ. श्रवण राणा, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (यूपीईएस), देहरादून शामिल है। इस परियोजना के लिए तीन साल की अवधि हेतु कुल लागत 1.91 करोड़ रुपए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत किया गए है। प्रस्तावित परियोजना को सीधे जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत भारत के आठ मिशनों में से एक से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने परियोजना का मुख्य उद्देश्य “अपशिष्ट से धन“ के लिए हरित प्रौद्योगिकियों और अपशिष्ट पदार्थों के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना है।