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धान फसल में पेनिकल माइट एवं अन्य कीट-व्याधियों से बचाव हेतु किसानों को सावधान रहने की सलाह

धमतरी, 31 अक्टूबर 2025/ खरीफ मौसम में धमतरी जिले में लगभग 1.38 लाख हेक्टेयर में किसानों द्वारा धान की फसल ली गई है। वर्तमान में प्रारंभिक किस्म की धान की कटाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पेनिकल माइट, तना छेदक तथा भूरा माहू जैसे कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे अपने खेतों का नियमित निरीक्षण करते रहें, ताकि कीट-व्याधि के लक्षणों की पहचान कर समय पर नियंत्रण किया जा सके।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, पेनिकल माइट के प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में पत्तियों पर आंख जैसे छोटे धब्बे बनते हैं, जिनका अंदरूनी भाग भूरा तथा बाहरी किनारा गहरा भूरा होता है। धीरे-धीरे ये धब्बे मिलकर बड़े हो जाते हैं और पौधे पीले पड़ने लगते हैं। आगे चलकर यह कीट गांठ और वालियों पर हमला कर उन्हें काला और कमजोर बना देता है, जिससे दाने नहीं भरते तथा वालियां टूटने लगती हैं।
इसकी रोकथाम हेतु प्रति हेक्टेयर
हेक्सीथायाजोक्स 5.45 ई.सी. (मैडन, क्यूवैक्स, माईटोलिन या अन्य समकक्ष उत्पाद) 500 मिली $ प्रोपिकोनाजोल 25 ई.सी. (टिल्ट, बूस्ट, बम्पर, जिराक्स या अन्य समकक्ष उत्पाद) 500 मिली 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या प्रोपर्राजाईट 57 ई.सी. 750 मिली $ प्रोपिकोनाजोल 25 ई.सी. 500 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। इसके अलावा डाईफेन्यूरॉन 120 ग्राम एवं प्रोपिकोनाजोल 200 मिली प्रति एकड़ मात्रा में छिड़काव भी प्रभावी है।
भूरा माहू के प्रकोप की स्थिति में
पाईमेट्रोजिन 50 डब्ल्यू.जी. (अप्लाई, पाईमेट्रो, क्लू आदि) 300 ग्राम या डाइनेट्फ्यूरान 20 एस.जी. (ओसीन, टोकन आदि) 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
धान में झुलसा रोग (ब्लास्ट) दिखाई देने पर
टेवुकोनाजोल $ ट्राइफॉक्सीस्ट्रोबीन (नाटीवो 75 डब्ल्यू.जी.) 0.4 ग्राम प्रति लीटर या ट्राइसाइक्लाजोल (बीम, बान आदि) 6 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर 12 से 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें।
गंधी बग कीट नियंत्रण के लिए
इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 50 मिली या थायामेथोक्साम 25 डब्ल्यू.जी. 40 ग्राम प्रति एकड़ 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
तना छेदक कीट के नियंत्रण हेतु
कर्टाप हाइड्रोक्लोराइड 50 डब्ल्यू.पी. (काल्डेन, कैरीड, मोर्टार आदि) 1 कि.ग्रा. या क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल (फटेरा, कोरेजन, फटेगोल्ड आदि) 150 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
साथ ही तना छेदक की निगरानी के लिए प्रति एकड़ 2 से 3 फिरोमोन ट्रैप लगाएं एवं प्रकोप अधिक होने पर 8 से 10 ट्रैप का उपयोग करें।
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से पूर्व स्प्रेयर की अच्छी तरह सफाई अवश्य करें और उपयोग के समय सुरक्षा साधनों कृ जैसे दस्ताने और चेहरे पर कपड़ा कृ का प्रयोग करें। साथ ही जैविक कीटनाशकों का उपयोग बढ़ाने पर बल दिया गया है, जिससे विषमुक्त खेती और स्वस्थ भोजन को प्रोत्साहन मिल सके।
किसान भाई कीट एवं रोग नियंत्रण से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान हेतु अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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