तुलसी की महिमा न्यारी मंदिरों में तुलसी पूजन दिवस मनाया

तुलसी की महिमा न्यारी मंदिरों में तुलसी पूजन दिवस मनाया

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली: सीबीगंज,वैसे तो तुलसी अपने अचूक औषधीय गुणों के लिए पहचानी जाती है. सर्दी, जुकाम और खांसी में इसका काढ़ा पीने से काफी राहत मिलती है, लेकिन हिंदू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना गया है. सनातन धर्म में तुलसी पूजन का खास महत्व माना गया है। कहते हैं कि जिस घर में तुलसी का पौधा उगता है वहां लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही उस घर पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
सोमवार को तुलसी पूजन दिवस पूरे देश में मनाया गया। सीबीगंज क्षेत्र के सभी मंदिरों में भी लोगों ने पूरे विधि विधान से तुलसी माता की पूजा अर्चना की। क्षेत्र के प्राचीन शिव मन्दिर पर तुलसी पूजन करने आई प्रिया ने बताया कि सनातन धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, किसी भी मांगलिक कार्य को तुलसी पूजन के बिना अधूर माना जाता है। मान्यता है कि घर में तुलसी के पौधे की रोजाना विधिवत पूजा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं टीबरीनाथ मंदिर में भी सोमवार को सृजन वैलफेयर सोसाइटी ने तुलसी पूजन दिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया। इस अवसर पर सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ दीक्षा सक्सेना ने कहा कि कई लोग अपने दिन की शुरुआत तुलसी के पौधे को जल चढ़ाकर और प्रार्थना करके करते हैं. इस साल तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को मनाया गया। भारतीय संस्कृति में तुलसी को माता का दर्जा दिया गया है, शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माता की भारी महिमा है। वही मढ़ीनाथ के शिव मन्दिर पर भी तुलसी पूजन दिवस पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, मढ़ीनाथ की रहने वाली पूनम चौहान ने तुलसी पूजन दिवस के बारे में बताया कि घर में तुलसी माता को गमले में लगाकर जल चढ़ाने से जीवन की परेशानियों का निवारण हो जाता है, जीवन में सुख-शांति का वास होता है. रोजाना तुलसी में जल चढ़ाते समय चंदन का तिलक लगाने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। रोज एक तुलसी पत्ते के सेवन से बीपी, ब्लड शुगर जैसी अनेक बीमारियों से मुक्ति मिलती है। मान्यताओं के अनुसार, यदि कोई निर्धन व्यक्ति सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी माला का 108 बार जाप करता है तो उसकी आर्थिक परेशानी टल जाती है।

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