श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में 300 बच्चों को पिलाया स्वर्णप्राशन

श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में 300 बच्चों को पिलाया स्वर्णप्राशन
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
कुरुक्षेत्र, 31 मई : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा स्वर्णप्राशन संस्कार का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 300 बच्चों को स्वर्णप्राशन की अमृत बूंदें पिलाई गई। अपने बच्चों को स्वर्णप्राशन की बूंदे पिलाने पहुंचने अभिभावकों की सुबह से ही ओपीडी के बाहर लंबी कतार लगी हुई थी। दरअसल, स्वर्णप्राशन संस्कार का उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता, बुद्धि, स्मरण शक्ति एवं संपूर्ण विकास को बढ़ाना है। आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान के मार्गदर्शन में हर पुष्य नक्षत्र के दिन विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अस्पताल परिसर में कैंप लगाया जाता है, जिसमें कौमारभृत्य विभाग के वैद्य स्वर्णप्राशन संस्कार करते हैं।
बता दें कि स्वर्णप्राशन एक आयुर्वेदिक विधि है, जिसमें शुद्ध स्वर्ण भस्म, घृत (घी), मधु और कुछ औषधियों के मिश्रण को विशेष विधि से तैयार कर बच्चों को दिया जाता है। यह परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में कारगर मानी जाती है।
28 जून को लगेगा कैंप : वैद्य कटारिया
कौमारभृत्य विभाग के प्रो. वैद्य अमित कटारिया ने बताया कि आगामी पुष्य नक्षत्र 28 जून को स्वर्णप्राशन संस्कार आयोजित किया जाएगा। हर पुष्य नक्षत्र के दिन यह संस्कार बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। स्वर्णप्राशन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। स्मरण शक्ति व बुद्धि विकास में सहायता करता है। यही नहीं, बार-बार बीमार पड़ने वाले बच्चों को स्वास्थ्य लाभ देता है।