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हरियाणवी संस्कृति की पहचान हो विश्वभर में : नायब सिंह सैनी

हरियाणवी संस्कृति की पहचान हो विश्वभर में : नायब सिंह सैनी

मीडिया चौपाल में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से डॉ. महासिंह पूनिया ने की बातचीत।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के प्रयासों की सराहना।

कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 28 अक्टूबर : हरियाणवी संस्कृति की पहचान हो विश्वभर हो इसके लिए हरियाणा सरकार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में रत्नावली समारोह का योगदान सराहनीय है। इसके लिए विश्वविद्याय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा बधाई के पात्र हैं। हरियाणा का युवा रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला बने इसके लिए हरियाणा सरकार देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने विकसित भारत को साकार करने की दिशा में सार्थक प्रयास कर रही है। यह विचार प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आरंभ हुए चार दिवसीय रत्नावली उत्सव के उद्घाटन अवसर पर जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित मीडिया चौपाल में व्यक्त किए। इस अवसर उनके साथ पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल मौजूद थे। संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने मीडिया चौपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से पूछा कि हरियाणा की आन- बान-शान हर दिल अजीज हरियाणा के हंसमुख मुख्यमंत्री को हरियाणवी पगड़ी बांध के रत्नावली के मेले में आके किसा लागरया। इसका जवाब उन्होंने बड़ी सहजता से देते हुए कहा कि स्वाद आ गया बहुत गजब का कार्यक्रम है चारों और हरियाणवी संस्कृति का रंग दिखाई दे रहा है।
दूसरे सवाल मुख्यमंत्री जी थामनै एक साल हो लिए विकास का धर्राटा/खखाटा ठा राख्या है। हरियाणा की सांस्कृतिक विकास के बारे में आपका कै कहणा सै का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार हरियाणा की लोक संस्कृति को सहेजने व संरक्षित करने का कार्य बड़ी गंभीरता से कर रही है। हरियाणा सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत समृद्ध है। हमारे पूर्वजों ने अपनी मेहनत के बल पर हमें एक समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत सौंपी है जिसें हम बड़ी गंभीरता से आगे बढ़ा रहे है।।
तीसरे सवाल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने हरियाणवी बोली को भाषा बनाण का बीड़ा ठा लिया है। इस खात्तर सरकार कै बीड़ा ठा री सै का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मैं विशेष रूप से कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को बधाई देता हूं कि उन्होंने हरियाणवी बोली को भाषा बनाने का कार्य शुरू किया है। प्रदेश के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हमारी बोली भाषा का रूप ले।
चौथे सवाल बिहार की लोक कला मधुबनी, पंजाब की फुलकारी खूब प्रसिद्ध सै, हरियाणा की लोक कला एक भी प्रसिद्ध कोन्या, हरियाणा की कला सांझी नै भी इतणी प्रसिद्ध बणावेंगे, इस खात्तर सरकार की कै योजना सै का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति सबसे समृद्ध है और सांझी को हरियाणा की लोक कला के रूप में विकसित का जो प्रयास किया जा रहा है वह बधाई के काबिल है। हरियाणा सरकार कृषि और औद्योगिक विकास के साथ-साथ हरियाणा का सांस्कृतिक विकास भी कर रही है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय का यह प्रयास बहुत सराहनीय है। हरियाणा सरकार युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य कर रही है तथा स्टार्टअप शुरू करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विकसित और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के कार्य में लगी है। विश्वविद्यालय रत्नावली समारोह के माध्यम से इसमें अपना योगदान दे रहा है।
पांचवे सवाल भूल गए राग रंग भूल गए जकड़ी………., युवाओं को संस्कृति से जोड़ण खात्तर आप क्या संदेश देणा चाहेंगे का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए क्योंकि हमारे बुर्जगों ने बड़ी मेहनत से हमें यह समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दी है। युवाओं को अपने देश में ही रहकर अपना काम शुरू करके आगे बढ़ना चाहिए। नौकरी लेने की बजाए आत्मनिर्भर बनकर नौकरी देने वाला बनना चाहिए। वर्तमान समय में युवा गलत ढंग से विदेशों में जा रहे हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करते हुए युवाओं के लिए अपने देश में ही रोजगार के अवसर पैदा कर उन्हें आत्मनिर्भर तथा देश को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। अंत में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने हरियाणवी गीत गाकर सबकी खूब वाह-वाही लूटी।

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