कुरुक्षेत्र के इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा का अहम योगदान

कुरुक्षेत्र के इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा का अहम योगदान।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, विधायक सुभाष सुधा, कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा ने स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा की जयंती को लेकर स्मारक पर अर्पित की श्रद्धांजलि।
मंत्रोच्चार के बीच हवन यज्ञ में डाली आहुती। भाषण व चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया सम्मानित।
विधायक ने स्वतंत्रता सेनानी डा. शांति स्वरूप शर्मा, स्वर्गीय देवी दयाल नन्हा, स्वर्गीय धर्मवीर सभ्रवाल की यादों को लेकर भी एक छोटा संग्रहालय बनाने के लिए वीसी से की अपील।
विधायक ने छोटे संग्रहालय के लिए जरुरत के अनुसार बजट देने की भी की घोषणा।

कुरुक्षेत्र 4 जुलाई : कुरुक्षेत्र के पौराणिक इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकेगा। इस महान व्यक्तित्व ने कुरुक्षेत्र का विकास करना ही अपना लक्ष्य बनाया। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही कुरुक्षेत्र और 48 कोस के तीर्थों का विकास करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना की थी। अब इस बोर्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल 48 कोस के 164 तीर्थों का जीर्णोद्धार कर रहे है और इन तीर्थों के लिए कई करोड़ रुपए का बजट भी खर्च किया गया है। इन तमाम पहलुओं को लेकर भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की जयंती पर सभी वक्ताओं ने चर्चा की और अपने मन के विचारों को व्यक्त किया।
आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा, संग्रहालय एवं पुस्तकालय पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तत्वावधान में मंगलवार को भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की जंयती समारोह का आयोजन किया गया। इससे पहले गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, विधायक सुभाष सुधा, केयूके के कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, हरियाणा पशुधन एवं डेयरी विकास निगम के चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के दत्तक पुत्र पंकज मल्होत्रा, पूर्व मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, समाजसेवी विजय सभ्रवाल, समाजसेवी कृष्ण धमीजा, विनोद शर्मा, स्वामी हरिओम परिव्राजक, सेवा निवृत आईएएस डा. आरबी लांग्यान, नंदा स्मारक के इंचार्ज डा. ललित गौड ने नंदा जी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और हवन यज्ञ में मंत्रोच्चार के बीच आहुती डाली। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली छात्रा समरीन कौर, द्वितीय स्थान पर खेवान, तृतीय स्थान पर ऋषिता गुप्ता, चौथे स्थान पर सूर्यावीर को सम्मानित किया। इसी प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में वंशिका प्रथम, अंकिता द्वितीय, निकुंश तृतीय व चेतन चौथे स्थान पर रहे। इसी प्रकार चित्रकला प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में हिमांशी प्रथम, ओमाना द्वितीय, श्वेता तृतीय, हिना चतुर्थ स्थान, जूनियर वर्ग में ऋद्घि प्रथम, अरमान बतान द्वितीय, कल्पना को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर प्रशंसा पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने नगर वासियों को भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत रत्न नंदा जी ने अपने जीवन में पिछड़े, गरीब और दलित वर्ग के साथ-साथ समाज के जरूरतमंद लोगों के उत्थान के लिए कार्य किया। नंदा जी के प्रयासों से गीता स्थली कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर एक मुकाम मिला। इस महान व्यक्तित्व के कुरुक्षेत्र के प्रति योगदान को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने कुरुक्षेत्र में भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा स्मारक का निर्माण करवाया। सरकार ने नंदा जी के सपने को साकार करने के लिए अनेकों योजनाओं को अमलीजामा पहनाया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र 48 कोस के 164 तीर्थों के जीर्णोद्घार के कार्य को आगे बढ़ाने का काम किया है।
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की हमेशा प्राथमिकता रही कि कुरुक्षेत्र का विकास हो। नंदा जी ने 1968 और 1971 में कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ा और इस लोकसभा क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम किया। इसके लिए बकायदा केडीबी की स्थापना की। अब भाजपा सरकार ने वर्ष 2014 से कुरुक्षेत्र व 48 कोस के तीर्थों का विकास करने की योजना तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल कुरुक्षेत्र को विश्व मानचित्र के पटल पर लाने के लिए कार्य कर रहे है। अभी हाल ही में विधानसभा वित्त कमेटी के माध्यम से गीता स्थली ज्योतिसर को विश्व पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने के लिए 250 करोड़ रुपए का बजट पारित किया। इसके अलावा इस क्षेत्र में विकास की गति को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा जी के साथ स्वर्गीय धर्मवीर सभ्रवाल, स्वर्गीय देवी दयाल नन्हा और स्वर्गीय शांति स्वरुप शर्मा के योगदान को भी कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इन तीनों समाज सेवियों की याद में सदाचार स्थल पर एक छोटा संग्रहालय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बनाना चाहिए। इस छोटे संग्रहालय के लिए जो भी बजट खर्च होगा, वे उस बजट को वहन करेंगे।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा ने अपना जीवन समाज को समर्पित किया और कुरुक्षेत्र व 48 कोस के तीर्थों का विकास करने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नंदा जी ने एक आम जन साधारण की तरह कुरुक्षेत्र में कार सेवा जैसे कार्यों को शुरु करवाया। अब नंदा जी के जीवन से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले और नंदा जी के जीवन पर शोध हो इसके लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सदाचार स्थल पर भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के जीवन पर आधारित सेमिनार के साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन निरंतर चलता रहेगा।
भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के दत्तक पुत्र पंकज मल्होत्रा ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा ने हरियाणा को अपनी कर्मस्थली बनाया और धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र गीता स्थली को विकसित करने के लिए अपना अहम योगदान दिया। इस धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने में नंदा जी के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकेगा। केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि 1967 में सोमवती अमावस्या के दिन भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा ने जब ब्रहमसरोवर पर स्नान किया तो उसी ब्रहमसरोवर के साथ-साथ आसपास के तीर्थों की तकदीर लिखी गई। नंदा जी ने तीर्थों का विकास करने के लिए केडीबी की स्थापना की। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के सपनों को साकार करने के लिए 48 कोस के सभी तीर्थों का विकास करने का प्रण लिया है और इस प्रण को पूरा करने के लिए तीर्थों का लगातार विकास किया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों से कुरुक्षेत्र के तीर्थों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। ब्रहमसरोवर को देश की 30 आईकॉनिक साइटस में शामिल करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। अब आगामी कुछ दिनों में आईकॉनिक साइटस पर आईओसी के साथ एमओयू साईन करके ब्रहमसरोवर का विकास कार्य शुरु कर दिया जाएगा और एक साल के अंदर इस कार्य को पूरा किया जाएगा।
समाजसेवी विजय सभ्रवाल ने भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा जी के साथ बिताए दिनों के अनुभवों को सांझा किया। नंदा स्मारक स्थल के इंचार्ज डा. ललित गौड ने मेहमानों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन डा. विवेक चावला ने किया। इस मौके पर डीवाईसीए के निदेशक डा. महासिंह पूनिया, डीआईपीआरओ डा. नरेंद्र सिंह, रत्न लाल बंसल, रामकुमार रम्बा, विनोद गर्ग, डा. शुचि स्मिता, सीएम एमिनेंट पर्सन प्रदीप झांब, समाजसेवी आचार्य राममेहर शास्त्री, समाजसेवी प्रवीण शर्मा ज्योतिसर, समाजसेवी जयभगवान सिंगला, रजनीश गुप्ता, विनोद, सैनी समाज के प्रधान गुरनाम सैनी सहित अन्य अधिकारी गण, कार्यकर्ता और गणमान्य लोग मौजूद थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र के तीर्थों के उत्थान और जीर्णोद्धार का किया काम।
केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा 1966 मे सूर्य ग्रहण के अवसर पर ब्रह्मसरोवर आए और यहां तीर्थ की दुर्दशा देख कुरुक्षेत्र के तीर्थो के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया और 1968 मे कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना कर तीर्थो के विकास का कार्य प्रारंभ किया। इतिहास दोहराते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के पश्चात कुरुक्षेत्र में अपने पहले बड़े कार्यक्रम गीता महोत्सव के अवसर पर आए। ब्रह्मसरोवर के पवित्र तट से 48 कोस तीर्थो के उत्थान और जीर्णोद्धार का काम शुरू किया।

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