वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 26 मार्च : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की एनएसएस यूटीडी इकाई द्वारा 25 मार्च 2024 से प्रारंभ होकर 31 मार्च 2024 तक ‘लोकतंत्र का महापर्व और युवाओं की सहभागिता’ विषय पर चलने वाले एक साप्ताहिक शिविर का आयोजन किया गया जिसका स्थान विश्वविद्यालय कैंपस का स्टूडेंट होम और नजदीकी नरकातारी गांव रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस गीत व एनएसएस ताली से की गई। इसके पश्चात स्वयंसेवकों को पर्यावरण संरक्षित एवं प्राकृतिक रंगों से प्रेरित होली उत्सव मनाने हेतु प्रेरित किया इसमें कार्यक्रम अधिकारियों डॉ. राजकमल, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दीप्ति चौधरी ने स्वयंसेवकों के 7 दिन तक चलने वाले इस शिविर की गतिविधियों की रूपरेखा के बारे में बताया कि इस शिविर में अन्य सामान्य गतिविधियों के साथ साथ स्वावलंबी भारत अभियान, वित्तीय साक्षरता, पर्यावरण संरक्षण, महिला सुरक्षा, कानूनी साक्षरता, आर्ट ऑफ लिविंग, नशा मुक्ति व सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आदि से संबंधित प्रशिक्षण रहने वाले हैं ।
इस शिविर को सुचारू रूप से चलाने हेतु स्वयंसेवकों की विभिन्न कमेटियों का गठन भी किया गया । होली का उत्सव होने के कारण बहुत से स्वयंसेवकों का ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. ए. आर.चौधरी ने कार्यक्रम अधिकारियों को इस साप्ताहिक शिविर को सुचारू रूप से चलाने हेतु कार्यक्रम अधिकारियों को अग्रिम शुभकामनाएं दी और स्वयंसेवकों का इस शिविर में सक्रिय रूप से भागीदारी हेतु आह्वान किया ।
कार्यक्रम के दूसरे दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ लॉ के डॉ. अमित कंबोज ने ‘स्वावलंबी भारत अभियान, वितीय साक्षरता और युवाओं की भूमिका’ विषय पर स्वयंसवकों को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय आर्थिक इतिहास व विकास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्तमान में जिन आर्थिक समस्याओं से हम जूझ रहे हैं वे पहले नहीं थी जैसे कि बेरोजगारी क्योंकि पहले भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। सरकार सभी को रोजगार नहीं दे सकती परंतु सरकार रोजगार के लिए उचित योजनाएँ बना कर युवाओं को स्व-रोजगार हेतु अभिप्रेरित कर सकती है, इसके लिए हमें सरकारी नौकरी के प्रति गहन आशक्ति व मोह त्याग कर स्टार्टअप व अन्य प्रकल्पों के माध्यम से न केवल खुद को रोजगारपरक बना सकते हैं बल्कि औरों को भी रोजगार दे सकते हैं। उन्होंने ओयोरूम के संस्थापक रितेश अग्रवाल, स्वामी रामदेव व मुंबई में डब्बेवाला आदि का उदाहरण देकर युवाओं से आग्रह किया कि वे भी ऐसा कर सकते हैं व इसके लिए उन्होंने युवाओं को mysba.com के माध्यम से पंजीकरण करवाने का आग्रह किया। अपने उद्बोधन के दौरान उन्होंने कहा की युवाओं को यदि अपना सही आर्थिक प्रबंधन व आय सृजन करना है तो वे उचित वित्तीय साक्षरता के माध्यम से सही जगह निवेश करना सीख सकते हैं ।
कार्यक्रम के बाद डॉ. कंबोज ने विद्यार्थियों की स्वावलंबी भारत अभियान व वित्तीय साक्षरता से संबंधित शंकाओं का भी समाधान किया। कार्यक्रम अधिकारियों डॉ. राजकमल, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दीप्ति चौधरी ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद ज्ञापित किया। दोपहर के बाद स्वयंसेवकों ने पोस्टर मेकिंग अभियान भी चलाया और लोकतंत्र के महापर्व से संबंधित स्लोगन भी लिखे गए।