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भारत में, मानवीय जीवन मूल्यों और धर्म के बीच अंतरंग संबंध मौजूद है : डा. श्रीप्रकाश मिश्र

भारत में, मानवीय जीवन मूल्यों और धर्म के बीच अंतरंग संबंध मौजूद है : डा. श्रीप्रकाश मिश्र।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के तत्वावधान में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा परिवार प्रबंधन में सनातन जीवन मूल्यों का महत्व विषय पर जीवन संवाद कार्यक्रम आयोजित।

कुरुक्षेत्र 5 मई : भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। इस तथ्य के कारण, भारत में नैतिक शास्त्रों का एक विशाल भंडार है, जिसने युगों से हमारी सभ्यता का मार्गदर्शन किया। सनातन जीवन मूल्यों की नींव समाज की पूजा, प्रार्थना और आदर्शों और सिद्धांतों के रूप में आध्यात्मिक और धार्मिक मान्यताओं में देखी जा सकती है। भारत में, मानवीय जीवन मूल्यों और धर्म के बीच अंतरंग संबंध मौजूद है। परिवारिक एवं सामाजिक जीवन मूल्य लोगों के सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन के तरीक़ों का एक संकेतक है। यह विचार मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा परिवार प्रबंधन में सनातन जीवन मूल्यों का महत्व विषय पर आयोजित जीवन संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों एवं मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा संयुक्त रूप से सरस्वती वंदना से हुआ। जीवन संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विधाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की उपस्थित सभी ने भूरि भूरि प्रसंशा किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा सनातन जीवन मूल्य परिवार प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन मूल्यों को अपनाकर, परिवार शांति, सद्भाव और खुशहाली से रह सकता है। परिवार एक सामाजिक संस्था है जिसमें समान विश्वास, धर्म, रीति-रिवाज, संस्कृति, भाषा और जीवन शैली का बंधन होता है। यह विरासत और परंपराओं को पिछली पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक विरासत के रूप में आगे बढ़ाता है। परिवार से एक बच्चा आत्म- ज्ञान, आत्मविश्वास,आत्म- संतुष्टि, आत्म-मूल्य और आत्म- बलिदान की क्षमता प्राप्त करता है। परिवार बच्चे को शांति, सहयोग, लोकतंत्र, सद्भाव और समानता के सांस्कृतिक आदर्श प्रदान करता है।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने परिवार प्रबंधन में सनातन जीवन मूल्यों का महत्व को बताते हुए कहा हम अपने देशकाल के अनुसार समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी बनें, और अपने जीवन मूल्यों को पहचान कर उनके अनुसार अपना जीवन जियें यही हमारी सार्थकता है। इसके लिए हमें मूल्य आधारित जीवन जीने के मार्ग का चयन करना पडे़गा। नि:संदेह मूल्यों का निर्धारण करने में हमारे लिए प्रारंभ में कठनाइयाँ आएँगी जिनसे हमें जूझना पड़ेगा। जीवन-मूल्य सहज ही निर्धारित नहीं होते, इसके लिए त्याग और सत्य के तत्व ज़रूरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी एवं आध्यत्मिक चिंतक विजय सैनी ने कहा भारतीय संस्कृति का सबसे प्राचीनतम स्वरूप आज भी विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ हैं। अनेक पंथों और मतों के अनुयायी होने के बावजूद भक्तिकाल में अनेक संतों और भक्तों ने अपनी भक्ति की विभिन्न धाराओं के माध्यम से राष्ट्रीय समन्वय की स्थापना की। ज्ञान और कर्म के दो विभिन्न क्षेत्र क्षेत्र भी जीवन की साधना के ही दो मार्ग लेकिन मंज़िल एक दिखाई देती है। मातृभूमि सेवा मिशन वास्तविक रूप से सनातन वैदिक जीवम मूल्यों के लिए समर्पित है।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि सुमित चौहान ने कहा परिवार, समाज का आधारभूत स्तंभ है, जो बड़ों के नैतिक मार्गदर्शन के माध्यम से नैतिक व्यवहार सिखाने और परिवार के छोटे सदस्यों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने के लिए प्रारंभिक संस्था के रूप में कार्य करता है।
जीवन संवाद कार्यक्रम को कार्यक्रम को श्रीमती प्रियंका चौहान, मुस्कान, एडवोकेट गुलशन ने बतौर विशिष्ट अतिथि अपने विचार व्यक्त किये एवं मातृभूमि सेवा मिशन के सेवा प्रकल्पो की सराहना की। कार्यक्रम की संयोजिका समाजसेविका सुशीला सैनी ने सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों का आभार ज्ञापित किया। कार्यकम में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सुरेंद्र, मुस्कान, पारस सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से हुआ।

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