दिव्या ज्योति जागृती संस्थान के संचालक एवं संस्थापक दिव्या गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में भारतीय त्योहारों को लेकर कार्यक्रम का किया गया आयोजन

(पंजाब) 17 अगस्त [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संचालक एवं संस्थापक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में ,भारतीय त्योहारों को उनकी सच्ची भावना में मना रहा है, तथा उन्हें आध्यात्मिक जागृति और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के शक्तिशाली माध्यम के रूप में परिवर्तित कर रहा है। यह विचार आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्री दुर्गा मंदिर , वजीदपुर में साध्वी दीपिका भारती जी एवं साध्वी अनु भारती जी ने संगत के समक्ष रखे । साध्वी जी ने बताया कि भारत – त्योहारों की भूमि, जीवंत उत्सवों से भरा एक कैलेंडर है। लेकिन ये त्योहार केवल आनंद के अवसर नहीं हैं। हमारे प्राचीन संतों, जो भारत के सच्चे मनोवैज्ञानिक थे, द्वारा सोच-समझकर रचे गए प्रत्येक त्योहार को एक सामाजिक- सांस्कृतिक- आध्यात्मिक साधन के रूप में डिज़ाइन किया गया था ताकि लोगों को भारतीय संस्कृति के मूल मूल्यों से जोड़ा जा सके और इस विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जा सके। हालाँकि, उत्तर-आधुनिक युग में, त्योहारों के बाहरी रीति-रिवाज़ तो बचे हुए हैं, लेकिन उनका गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सार लुप्त होता जा रहा है। आज के युवाओं के लिए, त्योहारों का मतलब अक्सर एक छुट्टी, आराम करने, मौज-मस्ती करने और किताबें पढ़ने के दिन से ज़्यादा कुछ नहीं होता। पहली नज़र में, यह चिंताजनक नहीं लग सकता, लेकिन इसके परिणाम बढ़ते नैतिक और सामाजिक विघटन के रूप में पहले से ही दिखाई दे रहे हैं। इन त्योहारों के गहरे उद्देश्य को पुनर्जीवित करना अब एक विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव एक ऐसा ही अद्वितीय सामाजिक-सांस्कृतिक-आध्यात्मिक उत्सव है। यह श्री कृष्ण की लीलाओं में छिपे शाश्वत ज्ञान को आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से जीवंत करता है। जन्माष्टमी कार्यक्रम श्री कृष्ण लीलाओं पर आधारित प्रस्तुतियों के माध्यम से साध्वी जी ने उनमें निहित आध्यात्मिक मर्मों को संगत के सामने उजागर किया।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान भगवान कृष्ण में विश्वास से लेकर उनके अंतर में दर्शन तक ले जाता है। आध्यात्मिक साधकों को ब्रह्मज्ञान [ईश्वर-साक्षात्कार का शाश्वत विज्ञान] की दीक्षा दी जाती है – वही दिव्य ज्ञान जो भगवान कृष्ण ने अर्जुन को प्रदान किया था, जिससे उनके भीतर कृष्ण चेतना जागृत होती है। कार्यक्रम में साध्वी प्रीति भारती जी एवं साध्वी हरि दीपिका भारती के ने भगवान कृष्ण के समधुर भजनों से संगत के झूमने पर मजबूर कर दिया।
उपरोक्त कार्यकर्म में श्री दुर्गा मंदिर कमेटी के सदस्य महन्त राम लुभाया, महन्त कुलवंत राय, विपिन शर्मा, संदीप शर्मा, रमेश शर्मा एवं नरिंदर शर्मा जी ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की साध्वी बहनो का स्वागत किया।




