मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत जिले में सघन जांच अभियान जारी


कोंडागांव, 16 दिसंबर 2025/ कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना के निर्देशानुसार मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हांकित क्षेत्रों में प्रभावी रूप से मलेरिया जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी सतत निगरानी जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। यह अभियान 8 दिसंबर से प्रारंभ होकर आगामी 15 दिनों में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसी क्रम में जिले के दूरस्थ एवं सीमावर्ती क्षेत्र धनोरा के अंतर्गत कानागांव में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संचालित मलेरिया जांच अभियान का निरीक्षण करने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चतुर्वेदी पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा यह विशेष अभियान वर्ष में दो बार संचालित किया जाता है। अभियान के तहत स्वास्थ्य अमला घर-घर जाकर परिवार के सभी सदस्यों की मलेरिया जांच आरडी किट के माध्यम से कर रहा है। यह सघन सर्वे अभियान सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति मलेरिया जांच से वंचित न रहे।
अभियान के दौरान ऐसे व्यक्तियों की भी पहचान की जा रही है, जिनमें मलेरिया के कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जांच में वे मलेरिया पॉजिटिव पाए जाते हैं। इससे मलेरिया संक्रमण के प्रसार (ट्रांसमिशन) को समय रहते रोका जा रहा है। साथ ही सभी चिन्हित मरीजों को तत्काल पूर्ण उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे शीघ्र स्वस्थ हो सकें।
अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि सर्वे के दौरान मितानिनों द्वारा मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जा रही है तथा इसकी नियमित निगरानी की जा रही है, ताकि लोग मच्छरों के काटने से सुरक्षित रह सकें। गांव में मुनादी अथवा शाम के समय सिटी बजाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही मच्छरों के प्रजनन स्थलों जैसे गड्ढों में जमा पानी एवं नालियों की साफ-सफाई तथा जल निकासी को सामूहिक प्रयासों से व्यवस्थित किया जा रहा है।
अभियान के अंतर्गत पोटा केबिन, छात्रावास, आश्रम एवं सीआरपीएफ कैंपों में भी मलेरिया जांच की जा रही है। यह अभियान मलेरिया के कारण होने वाली एनीमिया (खून की कमी) एवं कुपोषण को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को मलेरिया के लक्षणों एवं उपचार की जानकारी भी दी जा रही है। बताया जा रहा है कि मलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है, जिसकी शुरुआत में बुखार, सिरदर्द एवं बदन दर्द जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं। उपचार की सुविधा गांव स्तर पर ही मितानिन दीदियों अथवा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में उपलब्ध है।
स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चतुर्वेदी ने काना गांव, बिन्झे, अरंडी एवं धनौरा स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण भी किया। उन्होंने हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, सुरक्षित प्रसव, टीबी एवं कुष्ठ रोग नियंत्रण, आयुष्मान कार्ड तथा वय वंदन योजना सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रगति लाने के लिए संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए।




