कत्थक-भरतनाट्यम जुगलबंदी ने मोहा दर्शकों का मन, कलाकारों ने बटोरी वाहवाही

कला कीर्ति भवन में कत्थक और भरतनाट्यम जुगलबंदी ने किया कमाल,दर्शकों ने सराहा।
चेहरे के भावों, हाथों की मुद्राओं और पैरों की थिरकन ने भरा दर्शकों में जोश। कत्थक-भरतनाट्यम की हुई जुगलबंदी।
कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 22 नवम्बर : हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रत्येक सप्ताह कला कीर्ति भवन में आयोजित होने वाली साप्ताहिक संध्या इस बार शास्त्रीय नृत्यों के नाम रही, जिसमें दर्शकों को कत्थक और भरतनाट्यम की जुगलबंदी देखने को मिली। दिल्ली से आए कलाकार शान्तनु चक्रवर्ती ने भरतनाट्यम और पूनम नेगी ने कत्थक नृत्य से सभी का मन मोहा। इस मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी एवं कला सृष्टि मंच के संस्थापक बृजकिशोर शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। मंच का संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम से पूर्व हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रभारी धर्मपाल गुगलानी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया गया। दिल्ली से आए कलाकारों ने पुष्पांजलि के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। जिसमें कत्थक और भरतनाट्यम के द्वारा भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की स्तुति की। इसके बाद अलग-अलग बंदिशों तथा तरानों पर कलाकारों ने अपने नृत्य के जौहर दिखाए। मंच पर एक ओर जहां भरतनाट्यम वेशभूषा में कलाकार भरतनाट्यम प्रस्तुत कर रहे थे, वहीं मंच के दूसरे हिस्से में लखनऊ घराना से संबंध रखने वाली पूनम नेगी और उनकी टीम कत्थक नृत्य से सभी को आनंदित कर रही थी। एक के बाद एक बेहतरीन प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा। भगवान राम, कृष्ण, शंकर आदि की आराधना करते हुए कलाकारों ने अलग-अलग समय में अलग-अलग दृश्यों को अपने नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। चेहरे की भाव भंगिमाएं, हाथों की मुद्राएं और पैरों की थिरकन की जुगलबंदी दर्शकों को रोमांचित कर रही थी। लगभग एक घंटे की अवधि के कार्यक्रम में कलाकारों ने सभी का मन मोहा। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में शान्तनु चक्रवर्ती, पूनम नेगी, हर्ष, नीरज बिष्ट, प्रार्ची, तमन्ना तथा तन्मया ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। अंत में मुख्य अतिथि बृज शर्मा ने कलाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व में अनूठी संस्कृति हैं। भारतीय कलाकार अपनी प्रतिभा तथा मेहनत के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जिंदा रखे हुए हैं। शास्त्रीय नृत्य जहां आध्यात्मिक अनुभूति देता है, वहीं युवा वर्ग को भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखाता है। इस मौके पर शिवकुमार किरमच, न्यू उत्थान थियेटर ग्रुप के अध्यक्ष नीरज सेठी, दीपक शर्मा, डा. राजीव कुमार आदि कला प्रेमी उपस्थित रहे।



