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भगवान शिव आदि गुरु है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र : श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली, कुरुक्षेत्र के प्रांगण में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में बुधवार 26 फरवरी 2025 को सायँ 3 बजे संकीर्तन का कार्यक्रम हुआ।
श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली कुरुक्षेत्र के पीठाधीश और समर्थगुरु संघ हिमाचल के जोनल कॉर्डिनेटर आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने भक्तों को ध्यान मुद्रा का ज्ञान दिया साथ ही मंगल प्रार्थना और ध्यान भक्तों को करवाया।
श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पुजारी पण्डित राहुल मिश्रा ने वैदिक मंत्रों से पूजा अर्चना करवाई।
भक्तों ने भगवान शिव के सुंदर भजन गाए गए और महाशिवरात्रि महोत्सव मनाया।
समाज सेवी केवल कृष्ण छाबड़ा, भक्त सुशील तलवाड़,नरेश शर्मा, सुमित गोयल,सतपाल बंसल, सुमित्रा पाहवा,अनु पाहवा, निशा अरोड़ा, कोमल मेहरा, शिमला धीमान,आशा कवात्रा,पायल सैनी, सुरेन्द्र कौर,पूनम तलवाड़ और ऊषा शर्मा आदि सम्पूर्ण भक्तों का प्रसाद वितरण और संकीर्तन कार्यक्रम में सराहनीय योगदान रहा।
ट्विटर के माध्यम से समर्थगुरु धाम संस्थान के संस्थापक आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने बताया कि भगवान शिव से योग, तंत्र, ध्यान, अध्यात्म शुरू होता है। उन्हीं से गुरु-शिष्य परंपरा शुरू होती है। हम अहोभाव व्यक्त करते हैं उन आदि गुरु का जिनके कारण गुरु-शिष्य परंपरा जन्मी, फली-फूली, आगे बढ़ी और आज भी बढ़ रही है। भगवान शिव आदि गुरु हैं। उन पर बडी जिम्मेदारी गोविंद ने सौंपी है। वे स्पिरीट वर्ल्ड के गवर्नर हैं। स्वयं वे गोविंद के सुमिरन मे,गोविंद के प्रेम मे रहते हैं। जो भगवान शिव करते हैं हमें भी वही करना चाहिए। जहां कहीं भी संताप,दुख,विपदा है,वे उसके हरण के लिए सदा ही तत्पर हैं।

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