सच्चे गुरु सत्य से साक्षात्कार कराते हैं : महंत जगन्नाथ पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर हुआ पूजन।
कुरुक्षेत्र, 28 अप्रैल : मारकंडा नदी के तट पर अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मंदिर परिसर में स्थित मां भगवती की अखंड ज्योति पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन के उपरांत सत्संग में कहा कि शिष्य एवं गुरु का संबंध श्रद्धा से जुड़ा हुआ है। शिष्य के समर्पण एवं आस्था से गुरु बंधा होता है। शिष्य के समर्पण से ही गुरु को दक्षिणा से श्रद्धा प्राप्त होती है और श्रद्धा से सत्य प्राप्त होता है।
महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि शिष्य के समर्पण एवं श्रद्धा से गुरु अपनी अन्य सांसारिक चिंताओं से मुक्ति पाकर शिष्य के कल्याण के लिए और उत्साह से लग जाते हैं और सच्चे गुरु सत्य से साक्षात्कार कराते हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्र का स्पष्ट मत है कि दक्षिणा यथाशक्ति, यथासम्भव ही होनी चाहिए। न अपनी शक्ति से कम होनी चाहिए न ज्यादा की कोई आवश्यकता है। वैशाख अष्टमी पूजन के उपरांत आरती की गई एवं प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर चंडीगढ़ से आए डा. आदित्य गुप्ता, कृतिका गुप्ता, मोनिका, विपुल, बिल्लू पुजारी, हरनेक सिंह, नाजर सिंह, सुक्खा सिंह, भाना सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।
पूजन करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।