सावन में भगवान भोलेनाथ के परम भक्त के तप स्थान पर पूजा का विशेष महत्व : महंत जगन्नाथ पुरी।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी।
भगवान भोलेनाथ की सावन में बरसती है असीम कृपा।
कुरुक्षेत्र, 9 जुलाई : भगवान भोलेनाथ के परम भक्त हैं ऋषि मारकण्डेय और भगवान भोलेनाथ की कृपा से ही बाल ऋषि मारकण्डेय को काल से मुक्ति मिली थी। अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में कपिल मेहता एवं परिवार के सदस्यों को विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पार्थिव शिवलिंग अभिषेक करवाया और उसके उपरांत पार्थिव शिवलिंग को मारकंडा नदी में विसर्जन करवाया।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि आज रविवार है जो ऋषि मारकण्डेय की पूजा का दिन है। इस दिन सावन में भगवान भोलेनाथ के परम भक्त ऋषि मारकण्डेय के तप स्थान पर पूजा का विशेष महत्व है। इस लिए यहां भक्तिभाव के साथ श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया सावन भगवान भोलेनाथ का प्रिय है और इस सावन काल में भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है। पूजा उपासना अर्चना एवं उपवास का कई गुणा फल मिलता है। उन्होंने बताया कि सती ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपना शरीर होम करने के बाद जब उन्होंने हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया तब उन्होंने भगवान भोलेनाथ को पुन: पति के रूप में प्राप्त किया।
इसी कारण भगवान भोलेनाथ को सावन अधिक प्रिय है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, स्वामी दीप दास, कमलेश, कांता रानी, रविंद्र सैनी, बिल्लू पुजारी, उषा, नाजर सिंह, जगतार सिंह व सुक्खा सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।
सावन पार्थिव शिवलिंग अभिषेक व पूजन करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।