सावन शिवरात्रि पर जयराम विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में हुआ महारुद्राभिषेक।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जयराम विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मन्दिर में हुआ भोलेनाथ का श्रृंगार।
विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर सर्वकल्याण की भावना से ट्रस्टियों तथा शिव भक्तों द्वारा पूजन।
जयराम विद्यापीठ में हुआ शिवरात्रि पर महारुद्राभिषेक।
कुरुक्षेत्र, 26 जुलाई : ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के सान्निध्य एवं प्रेरणा से नियमित सावन पूजन के चलते शिवरात्रि के पावन अवसर पर महारुद्राभिषेक किया गया। ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने सावन शिवरात्रि पूजन के साथ रुद्राभिषेक किया। इस मौके विद्वान ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ किए गए रुद्राभिषेक में विद्यापीठ जुड़े अनेकों श्रद्धालु एवं ट्रस्टी शामिल हुए। शिवरात्रि के अवसर पर परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के निर्देशानुसार संस्था के ट्रस्टियों ने विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर सर्वकल्याण की भावना से विशेष पूजन किया। इस पावन दिन पर भोलेनाथ का पूर्ण श्रृंगार किया गया है। श्रृंगार को देखने के लिए भी दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचे। यजमान ईश्वर कौशिक, विमला देवी, मनोज वत्स, नेहा वत्स, स्वयं वत्स, आरव्या वत्स, डा. बंसल, प्रणव गोयल, मनीष गोयल, प्रवीर गोयल, रूबल शर्मा तथा राजेश सिंगला ने भी सावन पूजन एवं अभिषेक किया। इस मौके पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के परम भक्तों द्वारा पूजन का आलौकिक अवसर होता है।
उन्होंने बताया कि सावन की शिव पूजा तो विशेष फलदायी होती है। शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ के भक्त पूर्ण समर्पण भाव से पूजन करते हैं। सावन का महीना आते ही हर तरफ शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की लाईनें लग जाती हैं। ब्रह्मचारी ने कहा कि जो भी भोलेनाथ की पूजा पूरे मन से करता है उसकी हर मुराद पूरी होती है। भगवान शिव अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। इस अवसर पर के के कौशिक एडवोकेट, दीपिका, नीरज, भावना, श्रवण गुप्ता, राजेश सिंगला, सुरेंद्र गुप्ता, सतबीर कौशिक, आचार्य राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में पूजन एवं अभिषेक करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, साथ सजाया गया विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग।