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हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर सर्वकल्याण की भावना से श्रद्धालुओं द्वारा पूजन।
कुरुक्षेत्र, 2 अगस्त : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से नियमित सावन पूजन के चलते मंगलवार को मंगला गौरी पूजन, नाग पंचमी पूजन एवं रुद्राभिषेक किया गया। इस मौके विद्वान ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं रुद्राभिषेक में विद्यापीठ से जुड़े श्रद्धालु एवं ट्रस्टी पहुंचे। इस मौके पर मोहित, रोहित बुटाना नीलोखेड़ी, जगपाल सिंह, कमलेश रानी, सागर व दीक्षित सहारनपुर से पहुंचे। जिन्होंने शिवलिंग पर अभिषेक करने के उपरांत विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर सर्वकल्याण की भावना से विशेष पूजन किया। आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ने बताया कि नाग पंचमी का त्योहार सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाते हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा होती है। नाग पंचमी का दिन नाग देवता की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। आचार्य लेखवार ने बताया कि नाग पंचमी के दिन शिव व सर्वार्थ सिद्धि योग बनने से बहुत अधिक महत्व है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि नाग पंचमी पर विशेष संयोग बना था। नाग पंचमी के दिन तीसरा मंगला गौरी का पूजन हुआ है। सावन महीने में सोमवार की भांति मंगलवार की पूजा का भी विशेष महत्व है। यह दिन माता पार्वती को समर्पित है।