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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से साध्वी सुश्री सौम्या भारती जी ने बताया कि हमारा मन एक वन का प्रतीक है। तड़का, सुबहू और मरीच इत्यादि असुर हमारे मन में उठने वाले लोभ, मोह, अहंकार के प्रत्येक हैं

दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से साध्वी सुश्री सौम्या भारती जी ने बताया कि हमारा मन एक वन का प्रतीक है। तड़का, सुबहू और मरीच इत्यादि असुर हमारे मन में उठने वाले लोभ, मोह, अहंकार के प्रत्येक हैं

(पंजाब) फिरोजपुर 06 मई {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से संजोली में चल रही श्री राम कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास साध्वी सुश्री सौम्या भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि प्रभु श्री राम जी ऋषि विश्वामित्र जी के संग वन प्रांत में जाकर आसुरी शक्तियों को समाप्त करते हैं। साध्वी जी ने समझाते हुए कहा कि वास्तव में हमारा मन एक वन का प्रतीक है। ताड़का और सुबाहु मारीच इत्यादि असुर हमारे मन में उठने वाले लोभ, मोह, अहंकार का प्रतीक है। जिस प्रकार से वन प्रांत में प्रभु श्रीराम के प्रकट होने पर आसुरी शक्तियों का अंत हुआ। अंधकार व अज्ञानता समाप्त हुए और शांति के साम्राज्य की स्थापना हुई ठीक वैसे ही हमारे अंतर्गत में जब श्रीराम का प्राकट्य होगा, तब इन विकारों के ऊपर अंकुश लग पाएगा। आवश्यकता है एक सतगुरु के शरणागत होकर अपने अंदर श्रीराम को प्रकट करने की।
साध्वी जी ने बताया कि प्रभु श्री राम जनकपुरी में जाते हैं। जहाँ प्रभु श्री राम की मुलाकात पुष्प वाटिका में माँ जानकी से होती है। माता सीता प्रभु श्री राम की सहयोगिनी बन कर उनकी नर लीला में सहयोगी बनती हैं।
कथा का शुभारम्भ पूजन से हुआ जिसमें पुनीत नेगी ने परिवार सहित हिस्सा लिया।सन्त समाज ने संगीतमय भजनों के माध्यम से उपस्थित जन समूह को आनन्द विभोर किया।
पूर्व मेयर शिमला सत्या ठाकुर कौंडल,डॉ पवन कुमार, बस्ती राम संघायक और दीपेश डोगरा ने दीप प्रज्वलित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
कथा का समापन मंगल आरती से हुआ जिसमें पार्षद अंकुश वर्मा, विजय शर्मा, मंगा सिंह, सुबोध सूद, सुनील कौंडल और बहादुर सिंह ने हिस्सा लिया।
प्रतिदिन कथा के बाद सारी संगत के लिए प्रसाद और भंडारे का प्रबन्ध किया जा रहा है।

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