स्लग – ऑपरेशन मुक्ति: अब भिक्षा नहीं सिर्फ शिक्षा, पुलिस की भावनात्मक पहल
रिपोर्ट – ज़फर अंसारी
स्थान – हल्द्वानी
एंकर – उत्तराखंड पुलिस द्वारा ‘ऑपरेशन मुक्ति’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सड़कों पर भिक्षा मांगने वाले बच्चों को भिक्षा से हटाकर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है। आर्थिक रूप से निर्बल, बेसहारा बच्चों को भिक्षावृत्ति के मार्ग से हटाकर शिक्षा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने की पहल को “ऑपरेशन मुक्ति” का नाम दिया गया है साल 2019 में उत्तराखंड पुलिस और बाल संरक्षण आयोग ने ऑपरेशन मुक्ति चलाया था, जिसमें सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों का सत्यापन कर उन्हें भीख मांगने से रोका गया और शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। तो कई बच्चों के सरकारी स्कूलों में दाखिले भी करवाए गए। हल्द्वानी में इस पहल के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। अब तक 107 ऐसे बच्चों को पुलिस द्वारा विद्यालय में प्रवेश दिलाया जा चुका है। सीओ ऑपरेशंस नितिन लोहनी ने बताया कि पुलिस ऐसे बच्चों का चिन्हीकरण लगातार एनजीओ,समाजसेवियों की मदद से कर रही है इसके अलावा तमाम स्कूल ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए आगे आए हैं। इन बच्चों की फीस से लेकर कॉपी-किताब और ड्रेस का खर्चा समाज का प्रबुद्ध वर्ग उठा रहा है तमाम समाजिक संस्थाएं भी आगे आईं हैं और आने वाले समय में हमें कई टैलेंट देखने को मिलेंगे। इन बच्चों की मासिक रिपोर्ट पर नजर डालें तो इनमें तमाम ऐसे बच्चे सामने आएं हैं जो बहुत स्पेशल है इन बच्चों में सीखने समझने और रचनात्क कार्यों के प्रति खासी दिलचस्पी दिखाई है। उनका कहना है कि अभी ऐसे बच्चों का कुनबा और बढ़ना है जिसके लिए हम लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। वहीं यदि आपके इर्दगिर्द भी ऐसा कोई बच्चा है जो शिक्षा से वंचित है तो आप पुलिस से संपर्क कर उसके जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। आपको बता दें कि हल्द्वानी में वीरांगना संस्था भी ऐसा ही कार्य कर रही है और अब पुलिस के साथ मिलकर इस अभियान को और गति प्रदान कर रही है, बहरहाल वीरांगना के अलावा शहर की अन्य एनजीओ भी पुलिस को इस कार्य में मदद कर रहीं हैं और उम्मीद है पुलिस की इस मुहिम के सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
बाइट – नितिन लोहनी, सीओ OPS