श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में नवग्रह व राशि के अनुसार किया गया पौधारोपण।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रांगण में नवग्रह व राशि के अनुसार पौधारोपण किया। कार्यक्रम का आयोजन श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के द्रव्य गुणा विभाग द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें ग्रहों की दृष्टि से नो अलग-अलग प्रकार के पौधे शिक्षक और विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को अपने अनुकूल बनाने के लिए वनस्पति की भूमिका अग्रणी है। पौधे औषधीय महत्व रखने के साथ ही, इसके पूजन से कई सारी समस्या दूर होती हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत इस नवग्रह वाटिका में नौ अलग-अलग प्रकार के पौधे लगाए गए हैं। ताकि पूरे विश्व में सुख-शांति स्थापित हो सके। नवग्रह वाटिका में लगे पौधे बहुत उपयोगी हैं, सभी ग्रहों का एक-एक पौधा लगाया गया है। इन पौधों का उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में किया जाता है। अधिकांश का उपयोग हवन-पूजा के वक्त भी किया जाता है। यह वाटिका भारतीय सांस्कृति और धार्मिक दोनों महत्व से विद्यार्थियों को अवगत कराएगी। द्रव्य गुणा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि वाटिका मुख्य रूप से ग्रहों की दृष्टि को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें पीपल, गुल्लर, पलाश, खेर, दाब, दूब, अपामार्ग, शमी और आक का एक-एक पौधा ज्योतिष शास्त्र के अनुरूप अनुकूल दिशा में रोपित किया गया है। वैसे तो पौधों के अनेक लाभ हैं। मगर नवग्रह वाटिका को मुख्य रूप से ग्रहों की सुख शांति के लिए ही बनाया गया है। ग्रहों और राशि अनुसार पौधों को पूजने व्यक्ति की बहुत सारी समस्याओं का नाश होता है। इस नवग्रह वाटिका का लाभ विश्वविद्यालय परिवार को भी मिलेगा। इस अवसर पर श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. रविंद्र अरोड़ा, आयुर्वेद स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थी भी मौजूद रहे।