प्राथमिक पाठशाला बनी कबाड़ का अड्डा, शिक्षा विभाग व प्रशासन बना हुआ अंजान

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली। सरकार की मंशा पर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय और उनके संचालन के लिए तैनात शिक्षक और अधिकारी अपने कार्य को लेकर कितने सजग हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की सरकारी विद्यालयों के परिसर में आए दिन कोई न कोई ऐसी घटना देखने को मिली ही जाती है जो इस तंत्र के भीतर की सच्चाई को सामने ले ही आती है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में तमाम संसाधनों की व्यवस्था की गई है। जिससे समाज के शोषित, वंचित, व असहाय लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें और उन बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडा जा सके। बेसिक शिक्षा परिषद के आला अधिकारियों द्वारा शायद ही कोई दिन गुजरता हो जब इन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नए-नए नियम और तौर तरीकों की गाइडलाइन जारी न की जाती हो। रोज कोई न कोई आदेश जारी होता है जिसमें इन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कुछ नया सिखाने और बताने का प्रयास किया जाता है। लेकिन इन सभी व्यावस्थाओं को बनाये रखने की जिम्मेदारी जिले के शिक्षा अधिकारियों के साथ विद्यालय के अध्यापकों की भी होनी चाहिए लेकिन जनपद बरेली में फिल्हाल तो ऐसा होता नजर नही आ रहा है। आज हम आपको एक ऐसा विद्यालय दिखाने जा रहे हैं जो कि कहने के लिए तो शहर के बीचों बीच स्थित है लेकिन इस विद्यालय की दुर्दशा को देखने वाला कोई भी नहीं! और तो और यहां पर कार्यरत शिक्षक भी लग रहा है विद्यालय के अंदर प्रवेश आंख बंद करके ही करते हैं और घर जाते समय भी शायद आंखों पर पर्दा डाल लेते हैं। अगर ऐसा नही है तो उन शिक्षकों को इस विद्यालय परिसर में लगे हुए कबाड़े के ढेर क्यों नहीं दिखाई देते। आपको बता दे की शहर के बीचो-बीच कोतवाली परिसर में बने प्राथमिक विद्यालय नई कोतवाली के परिसर में कोतवाली पुलिस द्वारा सीज की हुई गाड़ियां जो अब कबाड़े के रूप में दिखाई दे रही है का अंबार लगा हुआ है। हम सभी जानते हैं कि प्राथमिक पाठशाला बच्चों के लिए शिक्षा का मन्दिर होता है लेकिन यहाँ का मंजर देख कर तो ऐसा ही कहा जा सकता है कि प्राथमिक पाठशाला बनी कबाड़ का अड्डा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मात्र दो, ढाई किलोमीटर तथा नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मात्र एक किलोमीटर दूर इस विद्यालय की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है यह तो जिले के आला अधिकारी ही बता सकते हैं। वहीं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के विनोद कुमार ने बताया कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है विद्यालय परिसर और आसपास का वातावरण स्वच्छ और सुंदर होना चाहिए। विद्यालय के सामने इस तरह कबाड़ और गंदगी निन्दनीय है इस पर अधिकारियों को तुरंत संज्ञान लेकर विद्यालय के आसपास वातावरण कबाड़ और गंदगी से मुक्त करना चाहिए। जिससे नौनिहालो को स्वच्छ और शुद्ध वातावरण में शिक्षा मिल सके।

विनोद कुमार,
महामंत्री
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बरेली

Read Article

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

राजकीय पॉलिटेक्नक के छात्र ने ट्रेन के आगे कूद कर दी जान

Wed Apr 3 , 2024
राजकीय पॉलिटेक्नक के छात्र ने ट्रेन के आगे कूद कर दी जान दीपक शर्मा (संवाददाता) बरेली : सीबीगंज ,राजकीय पॉलिटेक्निक के छात्र ने ट्रेन के आगे कूद कर दी जान। आसपास के लोगों ने इस घटना की जानकारी थाना पुलिस को दी थाना पुलिस ने घटना स्थल पर पहुँच कर […]

You May Like

Breaking News

advertisement