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‘‘प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा-एक अद्भुत व्यक्तित्व’’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 21 जुलाई : अखिल भारतीय प्रेरणा साहित्य एवं शोध संस्थान में ‘‘प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा-एक अद्भुत व्यक्तित्व’’ विषय को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कुलभूषण व्यास, दुबई, डाॅ. चितरंजन दयाल कौशल, निदेशक, संस्कृत प्रकोष्ठ हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी पंचकूला, डाॅ. रामेन्द्र सिंह, निदेशक, विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान, डाॅ. जयभगवान सिंगला, संस्थापक, प्रेरणा आश्रम ने भाग लिया। गोष्ठी का संचालन संत कुमार ने किया। गोष्ठी की भूमिका रखते हुए संत कुमार ने बताया कि प्रो. सिन्हा एक अद्भुत व्यक्तित्व के धनी रहे। उन्होंने सामाजिक, धार्मिक, शिक्षा जगत क्षेत्रों के साथ आयुर्वेद, दर्शन शास्त्र, राजनीति शास्त्र, संस्कृत, रामचरितमानस, गीता इत्यादि विषयों पर गहन कार्य किया। उन्होंने श्री नंदा जी के साथ भी काम किया।
विशिष्ट अतिथि कुलभूषण व्यास ने सरकार से मांग की कि प्रो. सिन्हा को पद्मविभूषण से सम्मानित करना चाहिए। उन्होंने संकल्प लिया है कि प्रो. सिन्हा जी की शताब्दी पूर्ण होने तक उनके द्वारा यू-ट्यूब पर दिए गए विचारों, अनेक क्षेत्रों में दिए गए योगदान को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने का कार्य करेंगे। इसी श्रृंखला में जोधपुर, बहरीन इत्यादि स्थानों पर विशेष कार्यक्रम किए हैं।
डाॅ. चितरंजन दयाल कौशल ने बताया कि प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सदा से जुड़े रहे। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेहरू युवा केन्द्र, राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से युवाओं को हमेशा मार्गदर्शन दिया। धर्मप्रचार हेतु रामायण के सुंदरकाण्ड पाठ घर-घर करते हुए धार्मिक विचारों का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने भी पद्मविभूषण दिए जाने की मांग का समर्थन किया।
डाॅ. जयभगवान सिंगला ने कहा कि प्रो. सिन्हा ने प्रेरणा आश्रम की स्थापना में योगदान दिया। कोविड के समय भी वे सक्रिय भूमिका निभाते रहे। सामाजिक कार्यों में उनकी हमेशा अग्रणी भूमिका रही।
डाॅ. रामेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा जी के साथ उनका 1989 से सम्पर्क रहा। इतने लम्बे अर्से की यादें तो बहुत हैं लेकिन दैनिक उनसे मिलना होता रहा। सभी के साथ वे समान भाव रखते थे। किसी भी विषय पर बोलने के लिए उन्हे किसी ग्रन्थ या सामग्री की आवश्यकता नहीं होती थी क्योंकि वे तो चलते-फिरते एन्साइक्लोपीडिया थे। उनका हर विषय में ज्ञानार्जन था। विद्या भारती में रहते हुए उन्होंने अनेक शोध कार्य किए। उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी विशिष्ट अतिथियों व सदस्यों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर डाॅ. हरिप्रकाश शर्मा पूर्व प्रधानाचार्य आई.जी.एन. कालेज लाडवा, डाॅ. राधेश्याम प्रधानाचार्य, प्रेमनारायण शुक्ला, डाॅ. मृणालिनी सोमनाथ ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर जटाशंकर, शिवशंकर, ईश्वर सिंह, पूनम रानी, पुष्पा रानी, सोमनाथ, हरिकेश पपोसा, वैभव, दीनानाथ, साहिल इत्यादि अनेक सदस्य जो प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा से पारिवारिक रूप से सदा जुड़े रहे, वे भी उपस्थित थे।
‘प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा-एक अद्भुत व्यक्तित्व’’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि कुलभूषण व्यास एवं डाॅ. चितरंजन दयाल कौशल को स्मृति चिह्न प्रदान करते हुए।

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