आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्वास्थ्य क्षेत्र में लाएगी क्रांति : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्वास्थ्य क्षेत्र में लाएगी क्रांति : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

केयू के यूआईईटी संस्थान को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड इमेज प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट मिलने पर कुवि कुलपति ने दी बधाई।
प्रोजेक्ट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहभागिता का दायरा होगा विकसित।

कुरुक्षेत्र, 11 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति आएगी क्योंकि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक द्वारा कोविड-19 से मानव शरीर में उत्पन्न हुए संक्रामक रोगों को डिजिटल एक्स-रे चित्रण द्वारा आसानी से जांचा जा सकता है। यह बात कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने गुरुवार को यूआईईटी संस्थान की शिक्षिका डॉ. रीटा दहिया को आटो इंटेलिजेंस एंड इमेज प्रोसेसिंग के तहत 25 लाख के शोध प्रोजेक्ट मिलने पर कही। इस अवसर पर केयू के डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व यूआईईटी निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा, इस शोध प्रोजेक्ट के सहसंयोजक मलेशिया विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रो. नोर असिदी बीन मत इसा तथा इस प्रोजेक्ट की संयोजक यूआईईटी की शिक्षिका डॉ. रीटा दहिया ने केयू कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा से शिष्टाचार भेंट कर प्रोजेक्ट की आगामी रूपरेखा पर चर्चा की।
केयू कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इस प्रकार के शोध कार्यों एवं परियोजनाएं स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निश्चित रूप से महत्वपूर्ण योगदान देगी। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि आर्टिफिशल तकनीक से सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों के उपचार में मिल रही चुनौती को भावी इंजीनियर इसे स्वीकार कर भविष्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्वास्थ्य क्षेत्र में सहभागिता का दायरा विकसित होगा।
इस अवसर पर प्रोजेक्ट के सहसंयोजक मलेशिया विज्ञान विश्वविद्यालय प्रो नोर असिदी बीन मत इसा ने कहा कि आर्टिफिशियल तकनीक से गंभीर बीमारियों की पहचान करने में शीघ्रता से स्पष्ट परिणाम मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से सैटेलाइट चित्रण, रिमोट सेंसिंग, समरीन अंडरवाटर इमेज का भी सरलता व स्पष्टता से परिणाम मिल रहे है।
केयू के डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व निदेशक यूआईईटी संस्थान प्रो. सुनील ढींगरा ने कहा कि कुवि कुलपति प्रो सचदेवा के मार्गदर्शन में यूआईईटी संस्थान प्रोजेक्ट वर्क या शोध के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रहा है। प्रोजेक्ट की संयोजिका डॉ. रीटा दहिया ने कहा कि समाज में आने वाली हर प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए भावी इंजीनियर हमेशा तैयार हैं।

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