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13 देशों के प्रतिनिधियों ने किया धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के पर्यटन स्थलों का अवलोकन

13 देशों के प्रतिनिधियों ने किया धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के पर्यटन स्थलों का अवलोकन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

गीता ज्ञान संस्थान के संग्रहालय का किया दौरा, पर्यटन स्थलों पर प्रशासन की तरफ से किया गया जोरदार स्वागत।

कुरुक्षेत्र 20 अप्रैल : 36वें अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के 13 देशों के 27 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के पर्यटन स्थलों का अवलोकन किया। यहां पर आकर विदेशी प्रतिनिधियों को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जानने और कुरुक्षेत्र की हजारों वर्ष पुरानी सांस्कृतिक विरासत को देखने का अवसर भी मिला। अहम पहलू यह है कि इस प्रतिनिधि मंडल का जिला प्रशासन की तरफ से जोरदार स्वागत किया गया।
रविवार को विधायी प्रारूपण (लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग) से संबंधित 36वें अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे 13 देशों के 27 प्रतिनिधियों ने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र पहुंचे। यहां पहुंचने पर परम्परा अनुसार प्रशासन द्वारा स्वागत किया गया। इस प्रतिनिधि मंडल में कोटे डी आइवर, इक्वाडोर, होंडुरास, ग्वाटेमाला, श्रीलंका, मंगोलिया, म्यांमार, नाइजर, नाइजीरिया, मालदीव, तंजानिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिभागी सबसे पहले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहुंचे। यह कार्यक्रम लोकसभा के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से आयोजित किया गया।
इस प्रतिनिधि मंडल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के धरोहर संग्रहालय का अवलोकन करने के बाद शेख चेहली मकबरे और गीता ज्ञानम संस्थान का अवलोकन किया। यहां पर संग्रहालय में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को देखने का अवसर मिला। इसके बाद पवित्र ग्रंथ गीता और उनके उपदेशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस शिष्टमंडल को केडीबी की तरफ से राजेंद्र राणा और अमरीक ने कुरुक्षेत्र के हजारों वर्ष पुराने इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
एडीसी सोनू भट्ट ने कहा कि जब आप अपने देशों को लौटेंगे, तो आप अपने साथ न केवल पेशेवर अंतर्दृष्टि बल्कि हमारी परंपराओं की गर्मजोशी और सहयोग की भावना भी ले जाएंगे। यह प्रतिनिधि मंडल 21 अप्रैल तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच ज्ञान को साझा करना और विधायी मसौदा तैयार करने के कौशल को बढ़ाना है।

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