मंडप पूजन के साथ प्रारम्भ हुआ ऋषि मारकंडेय प्राकट्योत्सव।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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ऋषि मारकंडेय प्राकट्योत्सव के शुभारम्भ अवसर पर निकली कलश यात्रा।
कुरुक्षेत्र, 24 अक्तूबर : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में सर्वकल्याण की भावना से दशहरे के दिन अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य संतों के सान्निध्य में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा महामृत्युंजय मंत्र पाठ शुरू किया गया। इससे पूर्व विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ यजमान सोहन लाल, शिवांश राणा, मनदीप रंगा, विजय राणा, कविता राणा, लक्की राणा, अंशुल, सुनील, राकेश, चेतन, भगत दर्शन, राजेश शर्मा, सुनील शर्मा, शिक्षा देवी, कृष्ण चंद, मानव शर्मा, मयंक शर्मा, पायल शर्मा, संजू रानी, गौरव राणा, योविन्दर राणा, आरती, सरला, ऋतू, काव्या, आद्विक, शशि बाला, विराट राणा, पीहू, केशव राणा, श्यामो देवी, सावित्री, बाला देवी, रजनी, बिंदु आदि ने पूरे विधिविधान से मंडप पूजन सम्पन्न करवाया। इस से पूर्व भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई।
मंदिर परिसर में सजे भव्य मंडप में विशाल प्राकट्योत्सव समारोह का शुभारम्भ हुआ। इसी के साथ महंत जगन्नाथ पुरी द्वारा पूजन एवं आरती कर महामृत्युंजय मंत्र जाप पाठ का सर्वकल्याण की भावना से शुभारम्भ किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला विशेष मंत्र है। यह मंत्र ऋग्वेद और यजुर्वेद में भगवान शिव की स्तुती में लिखा गया है। इस मंत्र जाप से हर तरह की परेशानी और रोग खत्म हो जाते हैं। वहीं अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर भी दूर होता है। प्राकट्योत्सव में स्वामी पृथ्वी पुरी, किन्नर वर्ग महंत गुरमीत कौर, स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी इत्यादि सहयोग कर रहे हैं।
श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में मंडप पूजन से पूर्व कलश यात्रा में महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य।