साहित्यानुरागी विशाल मेहरोत्रा को हिंदी गौरव सम्मान से किया गया विभूषित

साहित्यानुरागी विशाल मेहरोत्रा को हिंदी गौरव सम्मान से किया गया विभूषित
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : साहित्यिक संस्था- कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में स्थानीय स्टेडियम रोड स्थित लोकखुशहाली सभागार में हिंदी सप्ताह के उपलक्ष्य में सरस काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह का आयोजन एस.के. कपूर ‘श्री हंस’ के संयोजन में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विनोद पागरानी एवं विशिष्ट अतिथिगण नवगीतकार रमेश गौतम समाजसेवी विशाल मेहरोत्रा, प्रकाश निर्मल व प्रभाकर मिश्र रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने की।
माॅं शारदे के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए साहित्यानुरागी विशाल मेहरोत्रा को हिंदी गौरव सम्मान प्रदान किया गया सम्मान स्वरूप उत्तरीय एवं स्मृति चिन्ह संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने प्रदान किया।
द्वितीय सत्र में सरस काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें नगर के प्रमुख कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी की महिमा का गुणगान किया।
नवगीतकार रमेश गौतम ने अपने दोहे के माध्यम से कहा कि हिन्दी नवरस की नदी, लहर- लहर मकरंद।
कल- कल में ‘कामायनी’, ‘दीपशिखा’ के छंद।। गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने अपना गीत इस प्रकार प्रस्तुत किया-
करते हैं अभिव्यक्ति उसी की,
भाव उठे जो मन में प्यारा।
जननी जन्मभूमि जैसी ही,
हिंदी है ऑंखों का तारा।।
डॉ. प्रणव गौतम ने अपना समसामयिक दोहा पढ़ते हुए कहा-
चाहत में ‘नोबेल’ की मंकी चाचा ट्रंप।
टैरिफ घुड़की दे रहे मचा रहे हड़कंप।।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में कवियों एवं श्रोताओं की उपस्थिति रही जिनमें प्रमुख रूप से संयोजक एस.के. कपूर ‘श्री हंस’, इंद्रदेव त्रिवेदी, डॉ. प्रणव गौतम, गजेंद्र सिंह, मुकेश कुमार सक्सेना, मोहन चंद्र पांडेय मनुज, सुभाष रावत राहत बरेलवी, लक्षेश्वर राजू, दीपक मुखर्जी ‘दीप’, अमित मनोज, पूनम गंगवार, रामकुमार कोली, विश्वानी देव, सुरेंद्र बीनू सिंहा, राम शंकर शर्मा प्रेमी,राम कुमार अफरोज, हरिकांत मिश्र चातक, अभिषेक अग्निहोत्री, उमेश अद्भुत, प्रवीन शर्मा,राजकुमार अग्रवाल,डॉ राजेश शर्मा ककरेली, रमेश रंजन,एवं रीतेश साहनी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन राज शुक्ल ‘ग़ज़लराज’ ने किया। अंत में संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।