![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2024/04/1000031759-1024x1024.jpg)
फिरोजपुर 07 अप्रैल {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की और से फिरोजपुर आश्रम में एक दिन के सत्संग कार्यक्रम करवाया गया। जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी वंदना भारती जी ने अपने विचारों में बताते हुए कहा की क्रोध किसी भी समस्या का हल नहीं है। यह बात सत्य है पर आज हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में इस कदर दौड़ रहे हैं कि हमारे अंदर से धैर्य, क्षमा, दया ,विवेक आदि गुण समाप्त होते जा रहे हैं। अगर हमें कोई अपशब्द कहे या हमारा उपहास करें तो हम तुरंत क्रोधित हो ज्वालामुखी जैसे फट जाते हैं बदले में लवा उगलते हैं ।जबकि हमारे महापुरुषों के जीवन की ओर दृष्टि डाले तो हर परिस्थिति में धैर्य पूर्वक विवेक और समझदारी से स्थिति को संभालने की प्रेरणा मिलती है ।परंतु अगर आज इस समाज की दशा की ओर देखा जाए तो प्रत्येक व्यक्ति क्रोध में न जाने कैसे-कैसे कदम उठा लेता है। वह अपने ही खून के रिश्तों के साथ खिलवाड़ करता है । परंतु आज इसी स्थिति को देखते हुए हमारे संत समाज ने कहा है कि अगर एक व्यक्ति के भीतर से इस अवगुण को हटाना है तो उसके लिए जरूरत है ब्रह्मज्ञान की ।
जब तक जीवन में वह ब्रह्मज्ञान नहीं आएगा तब तक उसके भीतर यह विकार समाप्त नहीं हो सकता और इस ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करने के लिए एक पूर्ण ब्रह्मनिष्ट सद्गुरु की जरूरत होती है ।जब वह गुरु एक इंसान के मस्तिष्क पर हाथ रखकर उसे परम ज्योति का दर्शन करवा देते हैं उसे ईश्वर से उसका एकाकार करवा देते हैं तो तो उसकी पश्चात जब वह व्यक्ति उसे प्रभु की ध्यान साधना में लीन रहता है तो उसके भीतर के विकार धीरे-धीरे करते समाप्त हो जाते हैं ।साध्वी जी ने विचारों के माध्यम से कहा कि इन सब के लिए जरूरत है कि हम ऐसे पूर्ण ब्रह्मनिष्ट सद्गुरु के श्री चरणों में जाकर अपने आप को समर्पित करें। अंत में साध्वी जी ने सुंदर भजनों का गायन किया।