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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा फिरोजपुर स्थिर आश्रम में सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन

दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा फिरोजपुर स्थिर आश्रम में सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन

(पंजाब) फिरोजपुर 14 सितंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा फ़िरोज़पुर स्थित स्थानीय आश्रम में साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी सुश्री पूर्णा भारती जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्म मानव जीवन की सर्वोच्च कला है। यह हमें बाहरी दुनिया के शोरगुल से उठाकर आंतरिक शांति और आनंद के स्थान पर ले जाता है। आध्यात्म केवल मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारों तक सीमित नहीं है, यह सभी के भीतर विद्यमान है। जब व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप से जुड़ता है, तो वह समाज में सत्य, प्रेम और करुणा के मार्ग को सुदृढ़ करता है। आध्यात्म हमें धर्म और मान्यताओं के भेदों से ऊपर उठकर एक-दूसरे को मानवता के रूप में स्वीकार करना सिखाता है। अंतरात्मा की आवाज से जुड़ना, ध्यान-चिंतन करना और दूसरों की सेवा करना ही वास्तविक आध्यात्म है। साध्वी जी ने कहा कि आज के समय में जब भौतिकवाद व्यक्ति के जीवन को अस्थिर कर रहा है, आध्यात्म ही एकमात्र ऐसा मार्ग है जो मन को संतुलित और हृदय को शुद्ध करता है। इसके माध्यम से हम न केवल अपने जीवन को उन्नत करते हैं, बल्कि समाज में प्रेम, शांति और सद्भाव का संदेश भी फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में अध्यात्म क्या है? इसे जानने के लिए हमें पूर्ण संत महापुरुष की शरण में जाना होगा। जो हमें धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में छिपे रहस्यों से परिचित कराते हैं। पूर्ण संत महापुरुष वास्तव में हमें हमारे ही भीतर ईश्वर के दर्शन कराकर अध्यात्म से जोड़ते हैं। इसके बाद ही व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास शुरू होता है। साध्वी नवनीता भारती जी ने संगत के समक्ष भजन कीर्तन का गायन किया।

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