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सनातनी कहने एवं भगवा धारण करने से ही हिंदू नहीं बनेंगे, हिंदुत्व की जानकारी लेनी होगी : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जग ज्योति दरबार में चल रही है निरंतर 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या।
कुरुक्षेत्र, 25 मई : धर्मनगरी के जग ज्योति दरबार में चल रही 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या में बैठे महंत राजेंद्र पुरी ने सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं को पितृ देवों की पूजा के महत्व बारे बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और हिंदुत्व का फर्ज केवल मंदिर जाकर पूजा करने से ही पूर्ण नहीं हो जाता है। हिंदू धर्म में पितरों का विशेष महत्व है। आज के आधुनिक युग इंसान शिक्षित तो हो रहा है परंतु पितृ देवताओं की पूजा और अमावस्या की पूजा इत्यादि की अनदेखी कर अज्ञानता की बातें समझने की भूल कर रहा है।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि शिक्षित होना जरूरी है परंतु एक सनातनी के लिए हिंदू धर्म में किए जाने वाले सभी कार्यों और हिंदुत्व का ज्ञान बेहद आवश्यक है। हमारे हिंदू समाज में दीपावली पर साल में एक बार पितृ देवताओं को पूजा जाता है। परंतु उन्होंने बताया की हर अमावस्या पर अपने हाथ से अन्न का दान करना, किसी भी गाय को अपने हाथ से खिलाना संपूर्ण दान माना जाता है। उन्होंने महाभारत कालीन समय में दानवीर कर्ण की कथा सुनाते हुए बताया कि साल में 16 श्राद्ध के दिन जो आते हैं। हिंदुओ के लिए ही नहीं अपितु हर इंसान के लिए पितृ देवता को प्रसन्न करने के लिए उपयुक्त दिन होते हैं।
महंत राजेंद्र पुरी युवाओं को विशेष तौर पर समझाते हुए कहा कि गले में तुलसी माला धारण करना कोई सजावट का विषय नहीं है। हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। तुलसी को माला ग्रहण करने के लिए सबसे पहले माला को गंगा जल या गाय के दूध से शुद्ध किया जाए। उसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों में रखकर माला को ग्रहण करें। माला ग्रहण करने के बाद तामसिक भोजन, मदिरा इत्यादि का सेवन न करें। तभी हम इसका सफल उपयोग कर सकेंगे।
महत राजेंद्र पुरी ने कहा कि हिंदू धर्म में अनेक जानकारियां ऐसी हैं, जिन का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सिर्फ कहने मात्र से हिंदू राष्ट्र होना, श्री राम का नाम ले लेने और सिर्फ भगवा वस्त्र धारण कर लेने से सनातन का नाम नहीं होगा। उन्होंने अपील कि हर इंसान को धर्म की जानकारी होनी चाहिए। प्रत्येक माता पिता को अपना दायित्व समझना होगा। अपने बच्चों को धर्म की जानकारी देनी होगी।
श्रद्धालुओं के बीच महंत राजेंद्र पुरी।