इंपॉर्टेंस ऑफ चार्ल्स डार्विन इवोल्यूशन थिअरी पर सेमिनार आयोजित,दी गई जानकारी
रिपोर्ट मोहम्मद शाहनवाज अता
हाजीपुर(वैशाली)लक्ष्य क्लासेज, महुआ के सभागार में ” ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी वैशाली” की ओर से “इंपॉर्टेंस ऑफ चार्ल्स डार्विन इवोल्यूशन थिअरी” पर सेमिनार आयोजित किया गया।ज्ञात हो कि एनसीईआरटी ने 10th के सीबीएसई बोर्ड से “चार्ल्स डार्विन के इवोल्यूशन थिअरी” को हटा दिया है।एनसीईआरटी के इस कदम को देश के 4000 से भी ज्यादा वैज्ञानिकों ने लिखित विरोध किया है और मांग की है कि इस को पुनः लागू की जाए। कार्यक्रम में विषय प्रवेश ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी मुजफ्फरपुर के संयोजक आशुतोष कुमार ने किया उन्होंने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि चार्ल्स डार्विन से पहले समाज में मनुष्य जाति की उत्पत्ति और विकास की व्याख्या विभिन्न धर्मों में अपने अपने तरीके से किया था।लेकिन चार्ल्स डार्विन ने अपने असाध्य मेहनत के बल पर प्रमाणो को एकत्रित कर दिखाया कि इंसान की उत्पत्ति किसी ईश्वर की शक्ति द्वारा नहीं हुआ है बल्कि करोड़ों करोड़ों वर्षों में एक कोशिकीय जीव से बहूकोशिकीय जीव में विकसित होकर आज इंसान इस स्तर पर पहुंचा है।सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए सीएचसी, राजापाकर ,वैशाली के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर गौरी शंकर कुमार ने कहां कि एनसीईआरटी के द्वारा 10th क्लास से चार्ल्स डार्विन के इवोल्यूशन थिअरी को हटाना पूर्ण रूप से गलत है।छात्रों के वैज्ञानिक और तर्कशील चिंतन को को बढ़ाने के लिए चार्ल्स डार्विन के इवोल्यूशन थिअरी के सामाजिक महत्व को भी पढ़ाना होगा।इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर “ब्रेक थ्रू साइंस सोसाइटी झारखंड” के राज्य सचिव डॉक्टर कन्हाई बारिक ने संबोधित करते हुए कहा कि 10th क्लास के एनसीईआरटी से चार्ल्स डार्विन के इवोल्यूशन थ्योरी को हटाया गया।इसका विरोध ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी ऑल इंडिया कमेटी की ओर से पूरे देश भर में हो रहा है।चार्ल्स डार्विन का प्राकृतिक चयन का सिद्धांत विज्ञान का एक फाउंडेशन है।जिस तरह से न्यूटन के गति का नियम, गुरुत्वाकर्षण का नियम।प्राकृतिक जगत कैसे काम कर रही है इंसान की उत्पत्ति कैसे हुई और विकास कैसे हुई इन सारी बातों को सभी विद्यार्थियों को जानना चाहिए।प्राकृतिक चयन का नियम 12वीं कक्षा में पढ़ाने से अधिकतर छात्र इस नियम से वंचित रह जाएंगे क्योंकि दसवीं कक्षा के बाद बहुत कम छात्र ही 12वीं कक्षा में विज्ञान और उसमें भी जीव विज्ञान को चुनते हैं।वे यह समझ ही नहीं पाएंगे की आदमी तथा तमाम जीव जगत को कोई गॉड,परम शक्तिमान भगवान ने नहीं बनाया बल्कि प्राकृतिक चयन के माध्यम से क्रम विकास के क्रम में एक कोशिकीय जीव से बहुकोशिकीय जीव का विकास होता है।इसी क्रम में आदमी भी भी विकसित होता है। डार्विन का सिद्धांत एक विज्ञान का सिद्धांत है।विज्ञान के बहुत सारे क्षेत्र में इसकी अनगिनत प्रमाण मिले हैं।आज वैज्ञानिक जगत में इस सिद्धांत को लेकर कोई बहस नहीं है।जेनेटिक्स आने के बाद हम लोग समझ पाए डार्विन के सिद्धांत बिल्कुल सही है और प्राकृतिक कैसे काम कर रही हैं।कार्यक्रम का संचालन ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी वैशाली के संयोजक सुमन कुमार कुमार ने किया।कार्यक्रम को शिक्षक रविंद्र कुमार सिंह, उपेंद्र कुमार,सुरेश शाह,पंकज कुमार अवधेश कुमार,गौतम कुमार,आलोक कुमार,नीतीश कुमार आदि ने संबोधित किया।धन्यवाद ज्ञापन ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी वैशाली के जिला कमेटी सदस्य कुणाल कुमार ने किया।
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