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साक्षात कल्पवृक्ष के समान है श्रीमद्भागवत महापुराण : गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज।

साक्षात कल्पवृक्ष के समान है श्रीमद्भागवत महापुराण : गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज।

वृन्दावन, प्रमोद कौशिक 11 जनवरी : रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में गौसेवा परिवार, सीतारामप्यारी सोभासरिया चैरिटेबल ट्रस्ट (कलकत्ता) के तत्वावधान में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव के तीसरे दिन व्यास पीठाधीन श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवान के चौबीस अवतारों, समुद्र मंथन, भक्त प्रह्लाद प्रसंग, ध्रुव चरित्र, विदुर प्रसंग, सती चरित्र और नरसिंह अवतार की कथा श्रवण कराई।
श्रद्धेय आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा जीवन के साथ-साथ मृत्यु को भी सुखद और आनंदमय बना देती है। इसका श्रवण, वाचन व अध्ययन करने से व्यक्ति पाप मुक्त होकर प्रभु की भक्ति को प्राप्त करता है।
उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18वां पुराण श्रीमद्भागवत साक्षात कल्पवृक्ष के समान है।इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं निश्चित ही पूर्ण होती हैं। इसीलिए प्रत्येक जीव को अपने जीवन में एक बार श्रीमद्भागवत की कथा अवश्य श्रवण करनी चाहिए।
इस अवसर पर महोत्सव के मुख्य यजमान रमेश कुमार शोभासरिया, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, पण्डित किशोर शास्त्री, आचार्य राजा पण्डित, पंडित उमाशंकर मिश्रा एवं डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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