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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर आश्रम में आध्यात्मिक सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन

(पंजाब) फिरोजपुर 26 मई [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान फिरोजपुर के स्थानीय आश्रम में आध्यात्मिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्य साध्वी दीपिका भारती ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए बताया कि ध्यान एक मानसिक प्रक्रिया है। दुनिया का हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से ध्यान करने की कोशिश कर रहा है। ध्यान की प्रक्रिया के लिए मन की एकाग्रता बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान की प्रक्रिया हमारे ध्यान को बाहरी इन्द्रियों से हटाकर दिव्य नेत्र, अर्थात् दसवें द्वार पर केन्द्रित करना है। यह सब नियमित अभ्यास से संभव हो पाता है।
साध्वी जी ने अपने विचारों में आगे बताया कि ध्यान का अभ्यास तभी संभव होता है जब हम जानते हों कि किस पर और कहां ध्यान करना है। आंखें बंद करके बैठना ध्यान प्रक्रिया नहीं है। ध्यान की प्रक्रिया में ध्याता द्वारा ध्येय, अर्थात ईश्वर का ध्यान किया जाता है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. हमारे धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ईश्वर हमारे भीतर ही निवास करता है।
साध्वी जसप्रीत भारती जी ने बताया कि कैसे और किसका ध्यान करना है, यह सारी जानकारी हमें पूर्ण संत की शरण में जाकर ही मिल सकती है। धार्मिक शास्त्रों और वेदों के अनुसार, समय के पूर्ण महापुरुष हमारा दिव्य नेत्र खोलते हैं और हमें ध्यान की प्रक्रिया सिखाते हैं। तभी हमारा मन एकाग्र होकर उस ईश्वर में लीन हो सकेगा। इसलिए ध्यान करने से पहले सबसे पहले एक पूर्ण संत की खोज करनी चाहिए जो हमें वेदों और शास्त्रों के अनुसार ध्यान की प्रक्रिया सिखाने की शक्ति रखता हो। अंत में गुरु भाई परम जी द्वारा शबद गायन किया गया।

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